रामलला के दर्शन की अनोखी अभिलाषा, साइकिल से अयोध्या की यात्रा कर रहे हैं रिंकू
दिवानेपन की मस्ती चाहिए !! कहते हैं कि भगवान की भक्ति में डूब जाने के बाद किसी बात की चिंता नहीं होती और अगर उनके दर्शन की कामना हो तो फिर इंसान हर तकलीफ उठा लेने का संकल्प कर लेता है.
highlights
- रामलला के दर्शन की अनोखी अभिलाषा
- ना धन चाहिए ना दौलत चाहिए!
- ना ऊंचा नाम, ना ऊंची हस्ती चाहिए
Simdega:
दिवानेपन की मस्ती चाहिए !! कहते हैं कि भगवान की भक्ति में डूब जाने के बाद किसी बात की चिंता नहीं होती और अगर उनके दर्शन की कामना हो तो फिर इंसान हर तकलीफ उठा लेने का संकल्प कर लेता है. कुछ ऐसा ही किया भगवान श्रीराम लला के इस भक्त ने जो अपने आराध्य रामलला के दर्शन के लिए एक या दो नहीं, बल्कि 1100 किलोमीटर की यात्रा पर निकले हैं. आमतौर पर इतनी लंबी यात्रा लोग ट्रेन या गाड़ियों से तय करते हैं पर इस भक्त की आस्था ऐसी है कि वह अपने आराध्य भगवान प्रभु श्री राम से मिलने के लिए साइकिल लेकर निकल पड़ा है. उड़ीसा के कटक के रहने वाले रिंकू नामक इस शख्स ने अयोध्या में 22 जनवरी को नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने वाले भगवान राम के दर्शन के लिए एक भक्त पिछले 22 दिसंबर को साइकिल से अयोध्या की यात्रा शुरू की है.
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ना धन चाहिए ना दौलत चाहिए!
वह इस दौरान शुक्रवार को सिमडेगा जिला के कोलेबिरा अवस्थित बजरंगबली मंदिर पहुंचा. जहां उसने अपनी आगे की यात्रा के बारे में विस्तृत जानकारी दी. अपनी पैदल यात्रा के बारे में बताते रिंकू ने बताते हुए कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. इस पावन अवसर पर मैं अपने आप को साक्षी बनाना चाहता हूं. मेरे आराध्य देव प्रभु श्री राम आ रहे हैं. मैं अपने आप को रोक नहीं सका. मेरे निकले हुए 8 दिन हो गए अभी तक 450 किलोमीटर की यात्रा पुरी की है. आगे रांची बरही होते हुए अयोध्या पहुंच जाऊंगा.
रामलला के दर्शन की अनोखी अभिलाषा
वह भगवान श्री राम के बड़े भक्त हैं, उन्हें अपना आराध्य मानते हैं और 22 जनवरी को रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्य्रकम के साक्षी बनेंगे. जिसको लेकर रिंकू बेहद व्याकुल हैं. इस मौके पर हाथों में राम नाम का झंडा लेकर सिमडेगा जिला के कोलेबिरा पहुंचे, जहां विश्व हिंदू परिषद के अभिषेक कुमार और बजरंग दल धनंजय झा के अलावे अन्य बजरंगी भक्तों ने उनका स्वागत करते हुए उनके रहने खाने की व्यवस्था की. मंदिर या आश्रम उनके रात का सहारा हैं. लोग उनकी भक्ति को देखकर भाव विभोर हो जाते हैं.
ना ऊंचा नाम, ना ऊंची हस्ती चाहिए
रिंकू बिना पैसों के अयोध्या के लिए निकले हैं. उनके भोजन पानी की व्यवस्था जगह-जगह राम भक्त मिल जाते हैं, वे कर देते हैं. पिछले 8 दिनों से लगातार साइकिल चला रहे हैं. वह 8 दिनों में सिमडेगा पहुंचे हैं. उनकी यह यात्रा काफी लंबी होने वाली है. रिंकू ने बताया कि भगवान प्रभु श्री राम से विश्व कल्याण और मानव कल्याण और आधुनिक पीढ़ी तक प्रभु श्रीराम का संदेश पहुंचाने के लिए प्रार्थना करने जा रहे हैं.
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