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गणतंत्र दिवस 2023: झारखंड के डॉ. जानुम सिंह सोय को 'पद्म श्री' सम्मान

डॉक्टर सोय ने पिछले 4 दशक से हो भाषा के संरक्षण और प्रचार-प्रसार में जुटे हैं.

Updated on: 25 Jan 2023, 11:14 PM

highlights

  • केंद्र सरकार ने की पद्म पुरस्कारों की घोषणा
  • डॉ. जानुम सिंह सोय को पद्म श्री सम्मान
  • शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए मिला सम्मान

Ranchi:

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2023 के लिए पद्म पुरस्कार पाने वाले नामों का एलान कर दिया गया है. इस वर्ष 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री पुरस्कार दिये जाएंगे. 'पद्म श्री' सम्मान पानेवालों में इस बार झारखंड से डॉ. जानुम सिंह सोय का नाम भी शामिल है. डॉ जानुम सिंह को शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पद्म श्री सम्मान दिया गया है. बता दें कि डॉक्टर सोय ने पिछले 4 दशक से हो भाषा के संरक्षण और प्रचार-प्रसार में जुटे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने हो जनजाति की संस्कृति पर कई किताबें भी लिखी हैं. डा. सोय कोल्हान यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत होने के बाद से ही हो भाषा को पीजी के औपचारिक पाठ्यक्रम में शामिल करने में लगे रहे. डॉ. सोय की किताबों में आधुनिक हो शिष्ट काव्य समेत छह पुस्तकें हैं.

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बता दें कि प्रत्येक वर्षों की तरह इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की गयी है. केंद्र द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, देश के पूर्व रक्षामंत्री समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा छह लोगों को पद्म विभूषण दिया गया है उनमें ORS के निर्माता दिलीप महालनाबिश, बाल कृष्ण दोशी, एस एम कृष्णा, श्रीनिवास वर्धन का नाम शामिल है.

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बिहार में तीन हस्तियों को 'पद्म श्री' सम्मान

बिहार की झोली में इस बार तीन सम्मान आए हैं. इस साल तीन हस्तियों को पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. केंद्र सरकार ने 'सुपर 30' के संचालक और गणितज्ञ आनंद कुमार समेत तीन हस्तियों को पद्मश्री देने का एलान किया गया है. आनंद कुमार के अलावा बिहार के कपिलदेव प्रसाद को पद्मश्री अवार्ड मिला है. कपिलदेव प्रसाद नालंदा जिले के रहने वाले हैं. उन्हें कला के क्षेत्र उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ये सम्मान मिला है. कपिलदेव प्रसाद बवन बूटी के कलाकार हैं. बिहार को गौरव दिलाने वाले कपिलदेव प्रसाद एकमात्र बुनकर हैं. इनके चयन ने बसवन बिगहा की बुनकरी को लगभग दो दशक बाद फिर से राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है. कपिलदेव प्रसाद 52 बूटी साड़ियों के निर्माता हैं.