/newsnation/media/media_files/2025/08/16/ramdas-soren-death-2025-08-16-12-15-03.jpg)
राज्यपाल संतोष गंगवार ने दी रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि Photograph: (ANI)
Ramdas Soren Dead: झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का बीते दिन दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया. वह 62 वर्ष के थे और पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचा. अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को विधानसभा परिसर में रखा गया. जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया. झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार समेत तमाम राजनेताओं ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि दी.
राज्यपाल गंगवार ने जताया दुख
झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेने के निधन पर राज्यपाल संतोष गंगवार ने दुख जताया. उन्होंने कहा कि, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं एक सप्ताह पहले उनसे मिलने गया था. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं."
#WATCH | Jharkhand Governor Santosh Gangwar and other leaders pay tribute to Jharkhand Minister Ramdas Soren at the Vidhan Sabha in Ranchi, who passed away last night. pic.twitter.com/CbrMDU8tLj
— ANI (@ANI) August 16, 2025
4 अगस्त को पूर्व सीएम शिबू सोरेन का हुआ था निधन
बता दें कि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से पहले झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन का 4 अगस्त 2025 को निधन हो गया था. इसके बाद अब शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन से राज्य में शोक की लहर दौड़ गई. का निधन 15 अगस्त, 2025 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ. दोनों नेताओं की मौत से पूरे राज्य में शोक की लहर है.
जहां शनिवार को शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा उनका श्रद्धा कर्म किया जा रहा है तो वहीं रामदास सोरेन का शनिवार शाम चार बजे जमशेदपुर में अंतिम संस्कार किया जाएगा. झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन की खबर मिलते ही उनके टेल्को के घोड़ाबांधा आवास पर लोगों का आना जाना लगा हुआ है. शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन अपने पीछे पत्नी, तीन बेटा और एक बेटी को पीछे छोड़ गए हैं.
बीजेपी ने भी जताया शिक्षा मंत्री के निधन पर दुख
बीजेपी ने भी शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर दुख जताया. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि वे झामुमो के एक सच्चे सिपाही और आंदोलनकारी थे. उन्होंने कहा कि 12 दिनों में झारखंड ने पहले सर्वमान्य दिशोम गुरु शिबू सोरेन को खोया और अब अपने एक आंदोलनकारी बेटे रामदास सोरेन को खो दिया. पूरा झारखंड इस दोहरे झटके से आहत है.