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झारखंड में स्वास्थ्य सेवा की खुली पोल, गर्भवती महिला को नहीं मिली एंबुलेंस, बाइक से लाया गया अस्पताल

पहले अस्पताल ले जाने के लिए गर्भवती महिला को नहीं मिली एंबुलेंस...फिर तीन अस्पताल में किया गया रेफर, कहानी झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा ब्लॉक की है.

Updated on: 29 Jun 2019, 12:45 PM

highlights

  • झारखंड में गर्भवती महिला को बाइक से लाया गया अस्पताल
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने एंबुलेंस देने से किया मना
  • खून से लथपथ महिला को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल किया गया रेफर

नई दिल्ली:

पहले अस्पताल ले जाने के लिए गर्भवती महिला को नहीं मिली एंबुलेंस...फिर तीन अस्पताल में किया गया रेफर, कहानी झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा ब्लॉक की है. चौतंग गांव में रहने वाली महिला शांति देवी 4 महीने की गर्भवती है. अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(सीएचसी) में एंबुलेंस के लिए फोन किया गया. लेकिन अस्पताल ने एंबुलेंस देने से मना कर दिया.

जिसके बाद शांति देवी के पति कमल गंजू उसे खून से लथपथ और बेहोशी के आलम में बाइक पर बैठकर अस्पताल लाया. कमल कंजू अपनी पत्नी को इस हालत में 10 किलोमीटर से ज्यादा का सफर कर अस्पताल लाया. इससे सोचा जा सकता है कि महिला की हालत क्या हुई होगी.

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लेकिन इनकी परेशानी अस्पताल पहुंचने के बाद भी कम नहीं हुई. सीएचसी से गंभीर हालत में महिला को लातेहार सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां गनीमत रही कि महिला को वहां ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा मिल गई. 27 किलोमीटर का रास्ता तय करके कमल कंजू अपनी दर्द में तड़पती पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. यहां उन्हें लगा कि अब इलाज हो जाएगा.

लेकिन यहां से डॉक्टरों ने शांति देवी की स्थिति को देखते हुए रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज मे रेफर कर दिया. लातेहार से महिला को फिर यहां लगाया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है.

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एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल फिर तीसरे अस्पताल बार-बार महिला को रेफर किए जाने से कई लोग हैरान है.

वहीं, इस मामले पर लातेहर के सिविल सर्जन डॉक्टर एसपी शर्मा ने कहा कि सीएचसी में एक एंबुलेंस है और एक 1108 में. इसके अलावा गर्भवती महिला के लिए ममता वाहन है. इसके बावजूद एंबुलेंस नहीं देना बहुत बड़ी गलती है. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर कड़ी कार्रवाई होगी.