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भक्ति की शक्ति( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
15,525 फीट की उंचाई, जहां आम लोगों के लिए भी पहुंचना मुश्किल होता है. इस उंचाई पर तंदरुस्त व्यक्ति भी हवा में ऑक्सीजन की कमी से कमजोर पड़ जाता है, लेकिन गुरू में अपनी अटूट आस्था के आसरे 97 साल की बुजुर्ग महिला ने सारी बाधाओं को पार पाते हुए, हेमकुंड साहिब तक पहुंची. बर्फिली झील के किनारे सात पहाड़ों के बीच स्थित निशान साहिब के दर्शन कर तीर्थ यात्रा को पूरा किया. जमशेदपुर के साकची गुरुद्वारा बस्ती में रहनेवाली 97 साल की बुजुर्ग महिला हरवंत कौर 11 जुलाई को टाटानगर से रवाना होने वाले 130 श्रद्धालुओं के जत्थे का हिस्सा थी. हरवंत कौर इससे पहले भी कई बार हेमकुंड साहिब की यात्रा सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी हैं. उनकी उम्र को देखते हुए भले ही उनकी टोली के लोग हरवंत कौर की यात्रा पूरा होने को लेकर सशंकित थे पर हरवंत को अपनी आस्था पर अटूट विश्वास था.
बता दें आपको की उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित निशान सिहाब तक पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम है. वहां तक की यात्रा श्रद्धालु पालकी और घोड़े से तय करते हैं पर एक बड़ा हिस्सा ऐसा है, जहां से श्रद्धालुओं का पैदल ही जाना संभव होता है और हरवंत कौर न विषम परिस्थितियों में 97 साल की उम्र में इस यात्रा को पूरा किया.
यात्रा पर जाने से पहले आस पास के लोगों ने उन्हें उम्र का हवाला देते हुए यात्रा नहीं करने की सलाह दी, लेकिन उनकी जिद और जज्बे के आगे लोगों ने हार मान ली. आपको बता दें कि हरवंत कौर अपने परिवार से अकेली ही सदस्य हैं, जिन्हें अमरजीत सिंह बौबी अपने साथ लेकर गये हैं.
अमरजीत सिंह बौबी ने बताया कि माता के हठ को देखकर यात्रा में शामिल लोगों में भी उत्साह बढ़ा. उन्हें देखकर कोई यह नहीं कह सकता था कि वे 97 साल की हैं. श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने हरवंत कौर का सम्मान किया.
Source : Deepak Kumar