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झारखंड की राजधानी समेत कई शहरों में बिजली कटौती, लोग परेशान, सरकार से लगाई गुहार

झारखंड देश का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है. बावजूद यहां की जनता बिजली संकट से जूझने को मजबूर हैं.

Updated on: 29 Nov 2022, 05:01 PM

highlights

.बिजली संकट पर सियासत गर्म
.राजधानी समेत कई शहरों में बिजली कटौती
.शहरों और ग्रामीण इलाकों में आपूर्ति बाधित
.महिलाओं ने लगाई सरकार से गुहार
.बिजली संकट का समाधान निकालने की अपील 

Ranchi:

झारखंड देश का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है. बावजूद यहां की जनता बिजली संकट से जूझने को मजबूर हैं. दिन में मुश्किल से 8 या 9 घंटे लाइट आती है. राजधानी रांची समेत कई शहरों में बत्ती गुल लोगों के लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन गई है. वहीं, अब बिजली संकट को लेकर प्रदेश में सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है. देश का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य झारखंड एक बार फिर बिजली संकट से जूझ रहा है. बिजली की कमी अब आम जनता का सिरदर्द बन गई है. आम तौर पर बिजली की कमी गर्मी या बारिश के मौसम में होती है, लेकिन झारखंड की जनता को ठंड में भी बिजली संकट को झेलना पड़ रहा है. दिन में 12-14  घंटे तक बिजली की कटौती लोगों की परेशानी का कारण बन गई है. राजधानी रांची समेत दूसरे शहरों और ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति में रुकावट आई है. बिजली संकट की सबसे बड़ी वजह राज्य के उत्पादन संयंत्रों का प्रभावित होना है. 

दरअसल सिकिदिरी हाइडेल से राजधानी को बिजली मिलती है. सिकिदिरी हाइडेल तकनीकी कारणों से बंद है. संयंत्र बंद होने से बिजली की आपूर्ति कम की गई है. सेंट्रल पूल से मिलने वाली बिजली भी बाधित हुई है. साथ ही राज्य सरकार की ओर से भुगतान नहीं होने के चलते राज्य फिलहाल एनर्जी एक्सचेंज से ज्यादा बिजली नहीं ले सकता. बिजली कटौती के चलते अब आम जनता का जीना मुहाल हो गया है. आलम ये है कि लोग सरकार से समाधान निकालने की गुहार लगा रहे हैं. एक तरफ जनता ठंड में बिना बिजली के रहने को मजबूर है, लेकिन सियासतदान इसमें भी सियासी रोटियां सेंक रहे हैं. प्रदेश की गठबंधन सरकार मामले से पूरी तरह पल्ला झाड़ते हुए बिजली संकट का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया है.

एक ओर सत्ता पक्ष केंद्र पर हमलावर है तो वहीं, विपक्ष पलटवार करने से नहीं चूक रही. बिजली संकट से आम जनता से लेकर व्यवसायी वर्ग तक जूझ रहा है. जिसका दर्द ये व्यवसायी खुद बयां भी कर रहे हैं. वहीं, इस बिजली संकट पर विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर राज्य सरकार बकाया पैसे जल्द चुकाती है तो बिजली संकट से लोगों को जल्द निजात मिल जाएगी. अब जहां DBC को अपने बकाया पैसे का इंतजार है तो वहीं जनता और व्यवसायियों को राजधानी में बिजली की समस्या से राहत की उम्मीद बनी हुई है.

रिपोर्ट : सुरज कुमार