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झारखंड में बिजली का घोर संकट, कई इलाकों में हो रही है 10 से 18 घंटे की लोड शेडिंग

मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार बहुत जल्द इस मामले में निर्णय लेगी. इस बीच झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने डीवीसी की घेराबंदी की धमकी दी है.

Updated on: 12 Mar 2020, 11:42 AM

रांची:

झारखंड (Jharkhand) में बिजली संकट ने परेशानी खड़ी कर दी है. प्रदेश के कई इलाकों में 18 घंटे की लोड शेडिंग की जा रही है. ऐसी स्थिति 10 मार्च यानी होली के दिन से ही जारी है. मिली जानकारी के अनुसार, इस वजह से राज्य के सात जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, बोकारो, गिरिडीह और धनबाद के अलावा पूर्वी सिंहभूम का मुसाबनी इलाका भी खासा प्रभावित है. इन जिलों के लगभग आठ लाख उपभोक्ताओं की दिनचर्या बेपटरी हो गई है. वहीं, व्यवसाय, खेती और उद्योग पर भी लोड शेडिंग का व्यापक असर पड़ रहा है. इससे उपभोक्ताओं में आक्रोश है.

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इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया है कि 5000 करोड़ रुपये बकाया होने के कारण दामोदर वैली कॉपोर्रेशन (डीवीसी) द्वारा झारखंड में बिजली कटौती की जा रही है. जबकि, दूसरे राज्यों पर 20 हजार करोड़ से लेकर 50 हजार करोड़ बकाया है, पर वहां बिजली नहीं काटी जा रही. डीवीसी खुद को भारत सरकार के अधीनस्थ मानता है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार बहुत जल्द इस मामले में निर्णय लेगी. इस बीच झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने डीवीसी की घेराबंदी की धमकी दी है.

सरकार के एक मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा, 'डीवीसी सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रही है. अब राज्य सरकार के संसाधन का उपयोग डीवीसी को नहीं करने दिया जाएगा. सड़क मार्ग से डीवीसी को होनेवाली कोल व छाई की ट्रांसपोर्टिग रोकी जाएगी.'

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गौरतलब है कि डीवीसी का राज्य के वितरण निगम पर 4955 करोड़ रुपये का बकाया है. डीवीसी इस रकम की मांग कर रही है. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्च ने ट्वीट कर डीवीसी पर आरोप लगाया है कि यह बकाया रघुवर सरकार के दौरान का है, लेकिन उस समय डीवीसी ने यह रुख नहीं अपनाया. अब जानबूझकर हेमंत सरकार को परेशान करने के उदेश्य से लोड शेडिंग की जा रही है, जिससे कि राज्य के लोगों को परेशानी हो.