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Parasnath Controversy: केंद्र के फैसले के बाद भी सियासी तकरार जारी, बीजेपी ने हेमंत सरकार को बताया पंगू

पासरनाथ विवाद अब खत्म हो गया है. केंद्र सरकार की ओर से जारी फैसले के बाद जैन समाज ने भी आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया है, लेकिन मामले पर सियासी तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.

Updated on: 06 Jan 2023, 06:07 PM

highlights

  • पारसनाथ विवाद पर केंद्र का फैसला
  • बनी रहेगी जैन मंदिर की पवित्रता
  • फैसले पर बीजेपी का प्रदेश सरकार पर वार
  • मामले पर जारी है सियासी तकरार

Ranchi:

पासरनाथ विवाद अब खत्म हो गया है. केंद्र सरकार की ओर से जारी फैसले के बाद जैन समाज ने भी आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया है, लेकिन मामले पर सियासी तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ जहां JMM विवाद की जड़ बीजेपी को बता रही है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने तो सीधे प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पंगु करार दे दिया. अब बीजेपी ने वार किया तो JMM भी पलटवार कर जवाब दिया.

बरकरार रहेगी सम्मेद शिखर जी मंदिर की पवित्रता
कई दिनों का संघर्ष, सैंकड़ों रैलियां, आश्वासनों का दौर और आखिरकार जीत हुई जैन समाज की. पारसनाथ को लेकर केंद्र के फैसले के बाद जैन समाज ने अपना प्रदर्शन रोक दिया है. मामले पर ताबड़तोड़ सियासत के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय मंत्री उपेंद्र यादव को पत्र लिखा और पत्र पर सुनवाई करते हुए केंद्र ने इसको लेकर बैठक की. बैठक में फैसला लिया गया कि जैनों के तीर्थस्थल सम्मेद शिखर जी मंदिर की पवित्रता बरकरार रखी जाएगी. 

केंद्र ने राज्य सरकार को दिए ये आदेश
इसको लेकर केंद्र की ओर से एक आदेश जारी किया गया. जिसमें बताया गया कि पारसनाथ मामले में केंद्र ने समिति बनाई है. केंद्र ने साथ ही राज्य सरकार को समिति में जैन समुदाय से दो सदस्य शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. स्थानीय जनजातीय समुदाय से एक सदस्य शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही 2019 की अधिसूचना पर राज्य कार्रवाई को कार्रवाई करने को कहा हैं. केंद्र सरकार ने 2019 अधिसूचना के खंड 3 के प्रावधानों पर रोक लगाने का भी आदेश दिया है और पारसनाथ में पर्यटन और इको टूरिज्म गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की भी बात कही है. साथ ही झारखंड सरकार से मांग की कि मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाये.

शाह के दौरे से एक दिन पहले फैसला
केंद्र सरकार ने अमित शाह के झारंखड दौरे से एक दिन पहले ही ये फैसला लिया है. आपको बता दें कि 6 जनवरी से अमित शाह दो दिवसीय झारखंड दौरे पर आ रहे हैं. अमित शाह 7 जनवरी को चाईबासा से लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद करेंगे. 

बीजेपी ने हेमंत सरकार को बताया पंगू 
वहीं, केंद्र सरकार के फैसले के बाद जैन समाज ने आंदोलनों को बंद करने का ऐलान किया. साथ ही केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए खुशी भी जताई. फैसले के बाद जहां जैन समाज में खुशी की लहर है तो वहीं दूसरी ओर मामले पर सियासी उफान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी ने एक बार फिर इसको लेकर झारखंड सरकार पर हमला बोला. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार इस मामले में पूरी तरह से पंगू हो गई है. दीपक प्रसाद ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन के पास निर्णय लेने की कोई क्षमता नहीं है. इसलिए अपनी जिम्मेदारी केंद्र पर थोप दी. अब बीजेपी ने वार किया तो JMM भी पलटवार करने से नहीं चूकी. 

सत्तापक्ष ने बताई केंद्र की गलती
वहीं, इस मामले पर सत्तापक्ष के मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि थोड़ी त्रुटियां सरकार से हुई है, लेकिन कहीं ना कहीं इस विवाद के पीछे केंद्र सरकार का हाथ है. मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि इस विवाद के पीछे पूर्वर्ती सरकार के समय में लिए गए फैसले हैं. सत्तापक्ष के मंत्री जगन्नाथ महतो ने पारसनाथ विवाद पर सफाई देते नजर आए. JMM प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार ने गलत फैसला लिया था, राज्य सरकार के अनुशंसा पत्र के बाद केंद्र ने अपने फैसले को वापस लेना पड़ा है और ये झारखंड की जनता और सरकार की जीत है. 

सबसे पहले न्यूज़ स्टेट बिहार-झारखंड ने उठाया था मुद्दा 
गौरतलब है कि पारसनाथ को लेकर जैन समाज का मुद्दा सबसे पहले न्यूज़ स्टेट बिहार-झारखंड ने ही उठाया. जैन समाज की ओर से किए जा रहे प्रदर्शनों से लेकर उनकी मागों को सरकार तक पहुंचाने का जिम्मा न्यूज़ स्टेट की टीम ने उठाया और हमारी खबर का असर भी हुआ. सिर्फ राज्य ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार ने भी मामले को गंभीरता से लिया. जिसका नतीजा भी सामने आया. जहां केंद्र ने साफ कर दिया कि जैनों के पवित्र स्थल पर टूरिज्म गतिविधियों पर रोक लगेगी और मंदिर की पवित्रता बरकरार रहेगी.

रिपोर्ट : सूरज कुमार

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