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झारखंड जाति सर्वेक्षण समाचार( Photo Credit : News Nation )
Jharkhand Cabinet: झारखंड सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है जहां झारखंड राज्य में जाति जनगणना का रास्ता साफ हो गया है और इसकी जिम्मेदारी अब कार्मिक विभाग को सौंप दी गई है. मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. कार्मिक विभाग अब आवश्यक तैयारियों को अंजाम देगा और इस दिशा में गतिविधियों को आगे बढ़ाएगा. बता दें कि इसकी जानकारी सरकार की कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने दी. कैबिनेट में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि जातिगत सर्वेक्षण का उद्देश्य राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग को आनुपातिक समानता का अवसर प्रदान करना है.
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सैद्धांतिक निर्णय से क्रियान्वयन तक
झारखंड में जातीय जनगणना कराने का सैद्धांतिक निर्णय पहले ही लिया जा चुका था, लेकिन एजेंसी का निर्धारण नहीं हो पाया था. अब कैबिनेट के निर्णय के आलोक में राज्य सरकार का कार्मिक विभाग इस महत्वपूर्ण कार्य को संभालेगा. यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों से भी जुड़ा हुआ माना जा रहा है, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने इसे चुनावी एजेंडा बनाया था. कांग्रेस ने भी राष्ट्रीय स्तर पर इसे अपने एजेंडे में शामिल किया था.
विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी
वहीं राज्य सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ-साथ विभिन्न दलों के सचेतकों के वेतन और भत्तों में डेढ़ गुना बढ़ोतरी कर दी है. इनके साथ जुड़े सहायकों और अनुसेवकों के वेतन और भत्तों में भी बढ़ोतरी की गई है. यह निर्णय न केवल विधायकों और मंत्रियों को राहत देगा बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी प्रभावी होगा.
सरना धर्मावलंबियों के पवित्र स्थान पर निर्माण कार्य रोक
आपको बता दें कि कैबिनेट ने सरना धर्मावलंबियों के पवित्र स्थान लुगूबुरू पहाड़ पर केंद्रीय उपक्रम के काम को रोकने का निर्णय लिया है. दामोदर घाटी निगम द्वारा प्रस्तावित 1500 मेगावाट लुगूबुरू पहाड़ पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को स्थगित करने की स्वीकृति दी गई है. यह निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और राज्य सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है.
नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण
इसके अलावा आपको बता दें कि राज्य सरकार ने नगर निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है. राज्य के 49 नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी इनका चुनाव ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने के नाम पर रोका गया था. सरकार ने राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग को ओबीसी आबादी के सर्वेक्षण का दायित्व सौंपा है. हालांकि, फिलहाल सर्वेक्षण का कार्य शुरू नहीं हो सका है.
ओबीसी आरक्षण विधेयक और राजनीतिक परिदृश्य
वहीं आपको बता दें कि फरवरी महीने में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था, ''जिसकी संख्या जितनी, उसकी हिस्सेदारी भी उतनी.'' राज्य सरकार ने 2021 में ओबीसी आरक्षण से जुड़ा विधेयक पास करवाया था, जिसमें ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने का फैसला लिया गया था. इंडिया गठबंधन की तरफ से इस मुद्दे पर बीजेपी को लगातार घेरा जाता रहा है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन सरकार जातीय सर्वेक्षण के फैसले से बड़ा दांव खेल सकती है.
HIGHLIGHTS
- CM चंपई सोरेन का बड़ा फैसला
- अब झारखंड में भी होगी जातीय जनगणना
- झारखंड में कार्मिक विभाग को जिम्मेदारी
Source : News Nation Bureau