logo-image

सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट, क्या बीवी पर भारी पड़ेगी भाभी की दावेदारी ?

झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है. 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग ने अपनी राय राजभवन भेज दी है.

Updated on: 25 Aug 2022, 08:09 PM

Ranchi:

झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है. 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग ने अपनी राय राजभवन भेज दी है. राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली से दोपहर करीब दो बजे रांची पहुंचे. अब मामले को लेकर राज्यपाल की तरफ से फैसला कभी भी आ सकता है, लेकिन फैसला आने से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने हो गया है. जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने बीजेपी पर संवैधानिक संस्थानों के दुरूपयोग का आरोप लगाया. वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले को लेकर सीएम हेमंत सोरेन पर हमला बोला. निशिकांत दुबे ने कहा कि हेमंत सोरेन को इस्तीफा देकर मध्यावधि चुनाव के लिए जाना चाहिए. निशिकांत दुबे ने कहा कि 'मुझ पर आरोप लगाने वाले खुद घिरे'.

पक्ष और विपक्ष आमने-सामने
झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यालय में जेएमएम के वरिष्ठ नेता सुप्रिया भट्टाचार्य और सांसद विजय हांसदा ने प्रेस वार्ता की. मीडिया को संबोधित करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने सांसद निशिकांत दूबे पर जमकर निशना साधा. प्रदेश में सियासी हलचल के बीच अब सत्ता-पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए हैं. बीजेपी लगातार सीएम को आड़े हाथ ले रही है. जहां बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव और दीपक प्रकाश ने सीएम पर कई आरोप लगाए. वहीं, बीजेपी के आरोपों का जवाब मंत्री चंपई सोरेन और विधायक स्टीफन मरांडी ने दिया.

24 घंटे बेहद अहम
झारखंड की राजनीति में आने वाले 24 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं. चुनाव आयोग की रिपोर्ट और राज्यपाल के फैसले का असर राज्य सरकार पर पड़ना तय है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आया तो आगे क्या होगा? 

पत्नी या भाभी किसे मिलेगी कुर्सी 
बहरहाल अब झारखंड की सियासत में उलटफेर लगभग तय मानी जा रही है. अगर मुख्यमंत्री के खिलाफ फैसला आता है तो उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी. लिहाजा पार्टी में सीएम के चेहरे के लिए रेस शुरू हो गई है. JMM किसी भी कीमत पर सीएम की कुर्सी परिवार से बाहर नहीं जाने देगी. ऐसे में जो दो बड़े चेहरे सीएम रेस में आगे चल रहे हैं उनमे कल्पना सोरेन और सीता सोरेन का नाम शामिल हैं. कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी हैं. वहीं, सीता सोरेन सीएम की भाभी है और जामा विधानसभा से विधायक भी हैं. 

जानिए कौन हैं सीता सोरेन
सीता सोरेन जामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं
JMM के टिकट पर लगातार तीसरी बार विधायक बनीं
सीता झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति में पकड़ रखती हैं
JMM के अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी है सीता सोरेन

जानिए कौन हैं कल्पना सोरेन 
कल्पना ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं
हेमंत और कल्पना की अरेंज्ड मैरिज हुई थी
कल्पना रांची में प्ले स्कूल चलाती हैं
कल्पना सक्रिय राजनीति से हमेशा दूर रहीं
महिला विकास कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं
सामाजिक कार्यक्रमों में भी शामिल होती रही हैं कल्पना

जानिए क्या है 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट'?
भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून का हिस्सा है 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट'
भारतीय संविधान के आर्टिकल 102 (1) (ए) में इसका जिक्र
कानून के तहत कोई भी सांसद या विधायक एक साथ दो जगहों से वेतन नहीं ले सकता
कोई जनप्रतिनिधि अगर ऐसा करता है तो उसे अयोग्य करार दिया जा सकता है

क्या है सियासी हलचल की असली वजह?
सीएम पर पत्थर खनन लीज आवंटित कराने का आरोप है. वहीं, मुख्यमंत्री सोरेन के पास खनन विभाग भी है. बीजेपी ने दावा किया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन हुआ है. इसे लेकर बीजेपी ने सीएम की विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है.

झारखंड का सियासी गणित
सत्ता पक्ष के पास 50 सीटें
पार्टी        सीटें
JMM  -30
CONG -18
CPI(ML)-01
NCP  -01

कुल विधानसभा सीट- 81
बहुमत- 42

विपक्ष के पास 30 सीटें
BJP- 26
AJSU- 02
OTH- 02

कुल विधानसभा सीट- 81
बहुमत- 42