झारखंड में सियासी हलचल तेज, शनिवार को सीएम हाउस बुलाये गये सभी विधायक

'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' से जुड़े विवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भाजपा की ओर से की गयी शिकायत पर केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के बाद झारखंड की सरकार एक्स्ट्रा अलर्ट मोड में है.

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Vineeta Kumari
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झारखंड में सियासी हलचल तेज( Photo Credit : फाइल फोटो)

बिहार के बाद अब झारखंड में सियासी हलचलें तेज हो गई है. 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' से जुड़े विवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भाजपा की ओर से की गयी शिकायत पर केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के बाद झारखंड की सरकार एक्स्ट्रा अलर्ट मोड में है. भाजपा ने मुख्यमंत्री पर अपने नाम माइनिंग लीज लेने का आरोप लगाते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. इस बिंदु पर आयोग का फैसला किसी भी दिन आ सकता है. उधर माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में निवेश के आरोपों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

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चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट, दोनों के आगामी फैसले राज्य के सत्ता समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं. लिहाजा, इन सबके मद्देनजर यूपीए ने शनिवार को सीएम आवास में अति आवश्यक मीटिंग कॉल की है. गठबंधन के सभी विधायकों को राज्य की राजधानी रांची के आस-पास मौजूद रहने को कहा गया है.

माना जा रहा है कि किसी भी संभावित खतरे के मद्देनजर सरकार अपने गठबंधन की किलेबंदी की मजबूती सुनिश्चित करना चाहती है. बीते 30 जुलाई को कांग्रेस के तीन विधायक कोलकाता में 49 लाख रुपये कैश के साथ पकड़े गये थे. कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया था कि ये तीनों झारखंड की सरकार को गिराने के लिए असम से रची जा रही एक साजिश का हिस्सा बन गये थे और इसी वजह से इन तीनों को पार्टी ने निलंबित कर रखा है. कांग्रेस को लगता है कि साजिश के तार अब भी बुने जा सकते हैं। लिहाजा, तीन निलंबित विधायकों के अलावा पार्टी के अन्य 15 विधायकों की हर गतिविधि पर नेतृत्व की अब गहरी निगाह है.

झामुमो ने भी अपने विधायकों को ऐसे ही निर्देश दिये हैं। विधानसभा में झामुमो के सचेतक विधायक मथुरा महतो ने कहा कि पार्टी के सभी विधायक शनिवार को सीएम आवास पर 11 बजे पहुंचेंगे. इधर झामुमो से ताल्लुक रखने वाले झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो को कनाडा में होने वाली राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की बैठक में शिरकत करने के लिए गुरुवार को रवाना होना था, लेकिन उन्होंने अंतिम समय में यह प्रोग्राम स्थगित कर दिया. हालांकि इसके पीछे उन्होंने अपनी सेहत से जुड़े कारणों का हवाला दिया है. स्पीकर के साथ झामुमो के विधायक निरल पूर्ति को भी जाना था. उन्होंने भी यह कार्यक्रम रद्द कर दिया.

क्या झारखंड की सरकार को वाकई कोई खतरा है? इस सवाल पर शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार में कोई क्राइसिस नहीं है. राज्य में जबसे गठबंधन की सरकार बनी है, भाजपा तभी से हर कुछ रोज पर इसके गिरने की मियाद तय करती रहती है. भट्टाचार्य ने कहा कि शनिवार को बुलाई गई यूपीए की बैठक सुखाड़ के मुद्दे पर है.

Source : Agency

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