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छात्रों के भविष्य से खिलवाड़.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
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बोकारो के जरीडीह प्रखंड के सरकारी स्कूल की हालत जब अधिकारियों ने देखी तो हक्के-बक्के रह गए. स्कूल संचालन के लिए राशि लेने के बाद भी स्कूल में ना तो साफ-सफाई की व्यवस्था है, ना ही बिजली की सुविधा.
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
बोकारो के जरीडीह प्रखंड के सरकारी स्कूल की हालत जब अधिकारियों ने देखी तो हक्के-बक्के रह गए. स्कूल संचालन के लिए राशि लेने के बाद भी स्कूल में ना तो साफ-सफाई की व्यवस्था है, ना ही बिजली की सुविधा. छात्रों की पढ़ाई भी भगवान भरोसे हो रही है. झारखंड सरकार स्कूली व्यवस्था को सुधारने की कितनी भी कोशिश क्यों ना कर ले जमीनी हकीकत हमेशा दावों से कोसो दूर रह जाती है. कभी विभाग, कभी प्रशासन तो कभी स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का दंश प्रदेश के छात्र झेलते हैं.
गंदगी का अंबार... बदइंतजामी की भरमार
स्कूल में गंदगी का अंबार है, ना बिजली है, ना अच्छे शौचालय का इंतजाम है. पंखों की हालत तो तस्वीरें ही बयां कर रही है. यानी कुल मिलाकर स्कूल अपनी ही बदहाली पर आंसू बहा रहा है और इसका पूरा श्रेय जाता है यहां की प्रिंसिपल को. बोकारो के जारीडीह प्रखंड में उत्क्रमित उच्च विद्यालय जारीडीह में बदतर हालत को देख अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं कि यहां शिक्षा की व्यवस्था कैसी होगी.
पैसों की निकासी के बाद भी सुविधा क्यों नहीं?
स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की पोल तब खुली जब जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ज्योति खलखो स्कूल के निरीक्षण के लिए पहुंची, तो यहां की हालत को देख अधिकारी का भी सिर चकरा गया. जगह-जगह गंदगी और बदइंतजामी ऐसी कि अधिकारी ने जमकर प्रिंसिपल को फटकार लगाई. स्कूल के नलों से पानी तक नहीं आता. सरकार की ओर से छात्रों के लिए जो किताबें और बैग दिए गए हैं उसे दीमक खा रहे हैं. भीषण गर्मी में छात्र यहां बिना बिजली के ही पढ़ने को मजबूर हैं. हालांकि स्कूल संचालन के लिए समय समय पर राशि जरूर निकाली जाती है, लेकिन स्कूल प्रबंधन इस राशि को खर्च कहां करता है ये बड़ा सवाल है.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने प्रिंसिपल को सभी व्यवस्था को जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए. वहीं, पंचायत के मुखिया ने भी स्कूल की बदइंतजामी पर सवाल उठाया. मुखिया का कहना है कि प्रिंसिपल को कई बार व्यवस्था सुधारने की अपील की गई है बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है. बोकारो हो या कोई और जिला सरकारी स्कूलों के हालात अमूमन ऐसे ही होते हैं. ये जानते हुए कि ज्यादातर आबादी सरकारी स्कूलों पर ही निर्भर है बावजूद अधिकारी हो या स्कूल प्रबंधन अपनी कार्यशैली को सुधारने का नाम नहीं लेते. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कबतक छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ होता रहेगा.
रिपोर्ट : संजीव कुमार
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand