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झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले चलेगा 'दल बदल' का खेल!

लोकसभा चुनाव में मिली सफलता और महागठबंधन के अब तक आकार नहीं लेने से परेशान कई नेता इस साल के अंत में होने वाने विधानसभा चुनाव से पूर्व बेहतर संभावनाओं की तलाश में अन्य दलों की ओर देख रहे हैं.

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Yogendra Mishra
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झारखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित

प्रतीकात्मक फोटो।

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लोकसभा चुनाव में मिली सफलता और महागठबंधन के अब तक आकार नहीं लेने से परेशान कई नेता इस साल के अंत में होने वाने विधानसभा चुनाव से पूर्व बेहतर संभावनाओं की तलाश में अन्य दलों की ओर देख रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं कि झारखंड में अन्य दलों की तुलना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आकर्षण लोकसभा चुनाव के बाद बढ़ा है. जबकि विपक्षी दल एकता के अभाव में पस्त हैं. ऐसे में यह कयास जोरों पर है कि विभिन्न पार्टियों के नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं.

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सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के तीन विधायक पाला बदलने का मन बना चुके हैं. ऐसा हुआ तो विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस को झारखंड में जोर का झटका लगेगा. कांग्रेस के नेता और लोहरदगा क्षेत्र से विधायक सुखदेव भगत पार्टी से नाराज बताए जाते हैं और सूत्रों का दावा है कि वह पाला बदलने के लिए भाजपा के कई नेताओं के संपर्क में हैं.

भगत भाजपा में जाने की अटकलों को सीधे तौर पर नहीं नकारते हैं. वह कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी संभव है. भगत की पहचान तेजतर्रार नेता की रही है और विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने खुद को साबित किया है. वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं.

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उल्लेखनीय है कि भगत कांग्रेस के टिकट पर लोहरदगा से लोकसभा का चुनाव लड़े थे. चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को, चुनाव के दौरान रामेश्वर उरांव की विरोधी गतिविधियों की जानकारी दी थी. भगत की नाराजगी की वजह भी यही है कि केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत के बाद भी रामेश्वर उरांव को अध्यक्ष बनाया गया.

कांग्रेस के नेता इस विषय पर कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव से जब इस संबंध में पूछा गया, तब उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि कांग्रेस को मजबूत करना उनका काम है और इस काम में वह लगे हुए हैं.

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गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व भी झारखंड में दलबदल का सिलसिला चला था. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा ने उन्हें कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया और उन्हें जीत भी हासिल हुई. राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए.

सूत्रों के अनुसार, पांकी के कांग्रेस विधायक देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्ट सिंह और लातेहार के झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के विधायक प्रकाश राम भी अन्य दलों के संपर्क में हैं. हालांकि ये किस दल में जाएंगे, इसका खुलासा अब तक नहीं हो पाया है.

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भाजपा प्रवक्ता प्रतुल कुमार शाहदेव कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि चुनाव पूर्व कई बड़े नेता भाजपा का दामन थामेंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी और विकास की विचारधारा के किसी भी व्यक्ति का भाजपा में स्वागत है. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों के अंदर कई नेता भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं.

उन्होंने बताया, "हजारीबाग के समाजसेवी प्रदीप साहू अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा से जुड़े हैं तथा उनके साथ विभिन्न पंचायतों के 25 मुखिया भी भाजपा में शामिल हुए. रिम्स के सेवानिवृत्त अधीक्षक डॉ़ एस. के. चौधरी ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की."

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शाहदेव ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य राजेश सिंह भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं. ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के उपाध्यक्ष कुंदन सिंह, ऐथेलीट सुजाता मेहता भाजपा का दामन थामन चुके हैं.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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