बोकारो के चास नगर निगम इलाके के वार्ड 14 और 15 भोलूर बांध तालाब के पास करोड़ों की योजना से पार्क बनाया गया था. ये पार्क भारत सरकार के अमृत योजना के तहत बनाया गया, लेकिन अमृत पार्क फेज 4 अधिकारियों की उपेक्षा की वजह से ये पार्क खंडहर बना हुआ है. पार्क में चारों ओर गंदगी पड़ी रहती है, जो करोड़ों के पार्क को खंडहर में तब्दील करने के लिए काफी है. बोकारो के चास नगर निगम इलाके में 1.25 करोड़ रुपये की लागत से इस पार्क का निर्माण भारत सरकार की अमृत योजना के तहत किया गया, लेकिन अमृत पार्क फेज 4 अधिकारियों की उपेक्षा की वजह से इस पार्क में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
पार्क के चारो ओर जहां नजर घुमाइये आपको गंदगी का अंबार दिखाई देगा. पार्क के कई कीमती उपकरण टूट गए हैं. देखरेख के अभाव में चारों ओर झाड़ियां उग गई हैं. हालांकि इस पार्क को चलाने और इसके रखरखाव के लिए ठेका भी आवंटित किया गया था. इसके बावजूद पार्क की हालत दयनीय बनी हुई है. मॉर्निग वॉक और बच्चों के खेलने की मकसद से करोड़ों रुपये खर्च कर इस पार्क को बनाया गया था, लेकिन अब आज की तारीख में इस पार्क में बैठने लायक जगह भी नहीं बची है. वो भी तब जब पार्क के निर्माण का काम साल 2018 में शुरू होकर 2020 में पूरा हो गया. 3 अगस्त 2020 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इसका उद्घाटन किया था, लेकिन महज कुछ सालों में ही ये पार्क बर्बाद हो गया.
पार्क में बच्चों के खेलने-कूदने, बुजुर्गों के घूमने-फिरने, व्यायाम करने के लिए उपकरण, ओपन जीम, समुचित पेयजल, बैठने के लिए बेंच सीट और यहां तक कि कैंटीन की सुविधा भी उपलब्ध थी, लेकिन अब ओपन जिम आज की तारीख में झाड़ियों से ढके नजर आ रहे हैं. निगम के अधिकारियों के बेपरवाही की वजह से सरकारी संपत्ति न केवल नष्ट हो रही है, बल्कि अतिक्रमण भी शुरू हो गया है. वहीं, चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह पार्क की बदहाली पर अलग ही तर्क देते नजर आ रहे हैं.
मामले पर अपर नगर आयुक्त ने तर्क दिया कि पार्क बनने के बाद इसके रखरखाव का ठेका लेने के लिए कोई तैयार नहीं था. बाद में एक शख्स ने ठेका लिया. तब तक पार्क डैमेज हो चुका था. ऐसे में फिर से तालाब के सुंदरीकरण का काम किया जा रहा है और पार्क भी पूरी तरह से ठीक कर दिया जाएगा. चास नगर निगम इलाके में बने इस पार्क के आसपास 4 रिहायशी इलाके के बीच में हैं. आज इसकी स्थिति ये हैं कि कोई अधिकारी इसकी सुध तक नहीं लेने आता. सिर्फ पैसों की बंदरबांट हो रही है. अब देखना ये है कि अपर नगर आयुक्त का आश्वसन यहां के स्थानीय लोगों को कितनी राहत दे पाता है.
रिपोर्ट : संजीव कुमार
HIGHLIGHTS
- करोड़ों का पार्क बदहाल
- पार्क में गंदगी का अंबार
- पार्क के उपकरण हो रहे बर्बाद
- पेसौं की हो रही बंदरबांट!
- अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार पार्क
- पार्क को लेकर बेपरवाह चास नगर निगम!
Source : News State Bihar Jharkhand