दाने-दोने को मोहताज 6 मासूम (Photo Credit: News State Bihar Jharkhand)
Pakur:
महेशपुर प्रखंड के नारायणगढ़ गांव अंतर्गत बंका टोला में एक घर वैसा है, जो दाने-दाने का मोहताज बनी हुई है. बंका टोला के स्व. स्टेफन मुर्मु और उसकी पत्नी स्व. मुंडरी टुडू दोनों पति-पत्नी की मृत्यु महज चार महीनों के दरम्यान हो गयी थी. जिसके बाद बच्चों के सिर से माता पिता का साया उठ गया और 6 बच्चे अनाथ हो गए. 6 बच्चों में से एक सबसे बड़ी बहन सुहागिनी मुर्मु (12), शर्मिला मुर्मू (10), परमिला मुर्मू (8), सुनील मुंर्मु (6), पानसुरी मुर्मू (4) एवं सूरज मुर्मू (2) साल का है. आपको बता दें कि पहले छः बच्चों की मां स्व. मुंडरी टुडू गरीबी और बीमारी की मार से माता का साया उठ गया, वहीं चार महीने के अंदर पिता स्व. स्टेफन मुर्मू भी गंभीर बीमारी व भुखमरी के शिकार के चलते दुनिया को अलविदा कह दिया.
चार महीनों के अंतराल में माता-पिता का साया बच्चों के सिर से उठ गया, जिनके 6 छोटे-छोटे मासूम बच्चे अनाथ व बेसहारा हो गया. 6 बच्चों में सबसे बड़ी बहन सुहागिनी मुर्मू सिर्फ 12 साल अपने पांच छोटे-छोटे भाई बहनों का भरण पोषण 12 किलोमीटर दूरी तय कर मजदूरी करके परवरिश कर रही है. इन सभी बच्चों का परवरिश का जिम्मेवारी सुहागिनी के ऊपर आने से अपने आप को संभाल नहीं पा रही है. जब माता-पिता साथ थे तो हंसते खेलते अपनी जिंदगी गुजर रही थी, लेकिन अचानक माता-पिता का साया सिर से उठने के बाद सारी जिम्मेदारी बड़ी बहन सुहागिनी मुर्मु के ऊपर आ गई.
फिलहाल उनकी बड़ी बहन सुहागिनी मुर्मू 12 वर्षीय अपनी पांच मासूम भाई बहनों की धान रोपनी, ईंटा उतारने व किसी के घर में मजदूरी कर परवरिश कर तो रही है, लेकिन जब बड़ी बहन को काम नहीं मिल पाता है तो उस दिन सभी भाई बहन भूखे पेट सोकर गुजारती है. वही बड़ी बहन सुहागिनी मुर्मू ने बताया कि राशन कार्ड तो है लेकिन जब वह कई बार राशन कार्ड लेकर डीलर के पास पहुंचती है तो उसे डांट फटकार लगाकर भगा दिया जाता है. उसे यह बोल कर वापस घर भेज दिया जाता है कि उन्हें राशन नहीं मिलेगा. राशन कार्ड लॉक हो गया है. वहीं इस मामले पर पाकुड़ उपायुक्त वरुण रंजन ने महेशपुर BDO को निर्देश देते हुआ हुए 6 मासूम को हर योजना से जोड़ने को कहा. इसके साथ ही तत्काल हर सुविधा व खाने की सामग्री उपलब्ध करवाई गई.