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Latehar School: सरकारी स्कूलों की बदहाली, चल रही है शिक्षकों की मनमानी

सरकारी स्कूलों की बदहाली सुधरने की जगह दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. शिक्षकों की मनमानी और मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी की बात हो गई है.

Updated on: 13 Jan 2023, 08:41 PM

highlights

  • सरकारी स्कूलों की बदहाली
  • सुधरने की जगह व्यवस्था बिगड़ती जा रही
  • 2-3 घंटे में ही स्कूल से निकल जाते हैं शिक्षक
  • मध्याह्न भोजन में भी गड़बड़ी का मामला

Latehar:

सरकारी स्कूलों की बदहाली सुधरने की जगह दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. शिक्षकों की मनमानी और मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी की बात हो गई है. खासकर ग्रामीण इलाकों से इस तरह की शिकायतें हरदिन देखने को मिल जाती है. शिक्षकों की मनमानी का आलम यह है कि मीटिंग का हवाला देकर शिक्षक मीटिंग से 2-3 घंटे पहले ही स्कूल छोड़कर निकल जा रहे हैं. सरकारी स्कूलों की मनमानी से जुड़ा मामला लातेहार से सामने आया है. लातेहार में शिक्षकों की मनमानी के कारण सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों का भविष्य अंधकार में जाता हुआ नजर आ रहा है. 

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हमने लातेहार जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत संचालित रुद, पंडरा, विजयपुर समेत कई अन्य सरकारी स्कूलों की पड़ताल की, जहां से घोर लापरवाही सामने आई है. दरअसल, इन स्कूलों में शुक्रवार को शिक्षक नजर ही नहीं आये. स्कूल के शिक्षक मीटिंग का हवाला देकर 11 बजे ही स्कूल छोड़कर निकल गए, जबकि बीआरसी में 1 बजे से मीटिंग आयोजित की गई थी. इन स्कूलों से बीआरसी भवन की दूरी महज 15 किलोमीटर है. जहां से पहुचने में मात्र 30 मिनट ही लगता है. 

2-3 घंटे में ही स्कूल से निकल जाते हैं शिक्षक

बावजूद शिक्षक 11 बजे ही स्कूल से निकल गए थे, जिसके बाद स्कूली बच्चे स्कूल की छुट्टी तक स्कूल प्रांगण में खेलते हुए नजर आए. ये सिर्फ शुक्रवार की बात नहीं है, बल्कि इस तरह की बहानेबाजी कर प्रखंड के लगभग कई शिक्षक स्कूल से अमूमन गायब ही रहते हैं. जिसके कारण स्कूल में अध्ययनत बच्चों का पठन-पाठन पर काफी असर पड़ रहा है. आलम यह कि स्कूली बच्चों को शिक्षा मंत्री, प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तक का भी नाम नहीं पता है.

मध्याह्न भोजन में घोटाला

इन स्कूलों में मनमानी का आलम यह है कि बच्चों के मध्याह्न भोजन में भी घोटाला किया जा रहा है. सरकार के द्वारा तय मेन्यू के अनुसार शुक्रवार को बच्चो को अंडा चावल देना था, लेकिन शुक्रवार को पंडरा स्कूल के बच्चो को अंडा की जगह दाल, चावल और टमाटर की चटनी दिया गया था. जबकि रुद स्कूल में चावल, दाल और खानापूर्ति के नाम पर 100 से भी अधिक बच्चों के बीच महज 10-12 अंडा का भुजिया दिया गया था.

स्कूल की व्यवस्था से विभाग अंजान

इधर कड़ाके की ठंड होने के बावजूद कई स्कूलों के बीच के बदन पर स्वेटर तक नहीं था, जबकि पैरों में जूता भी नजर नहीं आया. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी किस हद तक हावी है. बावजूद विभाग इससे अंजान बना हुआ है. शिक्षकों के स्कूल से गायब रहने समेत अन्य तरह की खामियां सामने है. बता दें कि यह इलाका मूल रूप से आदिवासी बहुल है. अब देखना दिलचस्प होगा कि आदिवासी बच्चों के साथ खिलवाड़ व मध्यान भोजन में घोटाला कर रहे शिक्षकों पर क्या कुछ कार्रवाई होती है.