Opposition Unity: पीएम का चेहरा कौन, विपक्ष क्यों मौन ?

2024 का चुनावी शंखनाद हो गया है और पार्टियों ने चुनावी रण में अपना दम भरना भी शुरू कर दिया है. बीजेपी जहां एक बार फिर बहुमत की तैयारी कर रही है तो वहीं विपक्षी दल इस बार विपक्षी एकता के जरिए बीजेपी को घेरने में जुटे हैं.

2024 का चुनावी शंखनाद हो गया है और पार्टियों ने चुनावी रण में अपना दम भरना भी शुरू कर दिया है. बीजेपी जहां एक बार फिर बहुमत की तैयारी कर रही है तो वहीं विपक्षी दल इस बार विपक्षी एकता के जरिए बीजेपी को घेरने में जुटे हैं.

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Jatin Madan
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nitish kumar and hemant soren

बीजेपी को रास नहीं आ रहा विपक्षी एकता का राग.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

2024 का चुनावी शंखनाद हो गया है और पार्टियों ने चुनावी रण में अपना दम भरना भी शुरू कर दिया है. बीजेपी जहां एक बार फिर बहुमत की तैयारी कर रही है तो वहीं विपक्षी दल इस बार विपक्षी एकता के जरिए बीजेपी को घेरने में जुटे हैं. अब पक्ष विपक्ष की ये राजनीति दिल्ली से बिहार के रास्ते झारखंड तक आ गई है. जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की मुलाकात हुई तो राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई. दोनों मुख्यमंत्रियों में मुलाकात हुई तो 2024 के रणनीति पर बात हुई.

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बीजेपी को रास नहीं आ रहा विपक्षी एकता का राग 

विपक्षी एकता के सूत्रधार नीतीश कुमार और सीएम हेमंत सोरेन एक सुर में केंद्र को घेरते हुए 2024 में ऐतिहासिक चुनावी नतीजे आने का दावा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी को विपक्षी एकता का ये राग रास नहीं आ रहा. लिहाजा बीजेपी नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन को जमकर आड़े हाथ ले रही. साथ ही बीजेपी का ये भी कहना है कि पीएम का चेहरा कौन है इसपर विपक्ष क्यों मौन है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का बयान

झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मुलाकात पर निशाना साधते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहे हैं और अब लालू यादव के गोद में जाकर बैठ गए जो भ्रष्टाचार के प्रतिक हैं. लोकतंत्र की हत्या करने वाली कांग्रेस और भ्रष्टाचार की प्रतीक कांग्रेस के इशारे पर कठपुतली की तरह नाच रहे हैं. बिहार में सरकार चला रहे हैं और झारखंड में सब कोई जानते में हेमंत सोरेन भ्रष्टाचारियों के संरक्षक के रुप में जाने जाते हैं, उनसे भी हाथ मिलाने के लिए तैयार. तेलंगाना के सीएम से भी मिल रहे, वो भी भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के केंद्र बिंदू हैं. इसका अर्थ है भ्रष्टाचारियों के संयोजक और भ्रष्टाचारियों के नेता बनने की ललक नीतीश कुमार में है. झारखंड में उनका वजूद नहीं है, न जनता है उनके साथ न जनता जनार्दन, झारखंड की जनता इनको जानती पहचानती है नकारती है.

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मंत्री आलमगीर आलम का बयान

वहीं, कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही पहल की थी सभी विरोधी दल एक मंच पर आकर उनका मुकाबला करें. नीतीश कुमार एक अनुभवी और अच्छे नेता हैं जो इस पहल को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. अलग-अलग प्रदेशों में जाकर नेताओं से मिल रहे हैं. कल भी जो मुलाकात हुई है ये मुलाकात बहुत अच्छे माहौल में हुआ है. अब देश को इस तरह के पहल की जरूरत है. आने वाले समय में एक परिवर्तन दिखाई देगा. गठबंधन की बात जहां तक है, सभी विरोधी दल एक मंच पर आए. वर्तमान केंद्र की सरकार जनता के हित की बात नहीं करती है. हम लोगों ने कर्नाटक चुनाव में भी देखा वो जनता की समस्या कम और अपने दुखों की बात करते हैं. लोकतंत्र की गरिमा कमजोर पर रही है.

पढ़ें जा रहे हैं सीएम नीतीश कुमार के कसीदे

बीजेपी कितने भी जुबानी तीर दाग ले, लेकिन प्रदेश में सत्ताधारी दल के मंत्री और नेता बिहार के सीएम नीतीश कुमार के कसीदे पढ़ रहे हैं और दावा भी कर रहे हैं कि विपक्ष एकजुट होकर आने वाले चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी. यानि एक तरफ पूरा विपक्ष केंद्र को घेरने की कवायद में जुटा है तो वहीं बीजेपी भी विरोधियों पर प्रहार करने से नहीं चूक रही, लेकिन इस बयानबाजी के बीच विपक्ष की ये एकता लोकसभा चुनाव को कितना प्रभावित करती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

HIGHLIGHTS

  • बीजेपी को रास नहीं आ रहा विपक्षी एकता का राग 
  • पढ़ें जा रहे हैं सीएम नीतीश कुमार के कसीदे
  • बीजेपी पूछ रही पीएम का चेहरा कौन? 

Source : News State Bihar Jharkhand

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