झारखंड के पीएलएफआई मामले में एनआईए ने पूरक आरोपपत्र दाखिल किया

एनआईए ने कहा कि यह मामला चलन से बाहर किये जा चुके 25.38 लाख रुपये के नोटों को जब्त किये जाने से संबद्ध है.

एनआईए ने कहा कि यह मामला चलन से बाहर किये जा चुके 25.38 लाख रुपये के नोटों को जब्त किये जाने से संबद्ध है.

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yogesh bhadauriya
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प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News Nation)

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने झारखंड के प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के लिये वसूली से प्राप्त धन को संदिग्ध कंपनियों का इस्तेमाल करते हुए कथित तौर पर वैध बनाने की कोशिश करने को लेकर एक फरार नक्सली की दो पत्नियों सहित पांच लोगों के खिलाफ शुक्रवार को एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एनआईए ने कहा कि यह मामला चलन से बाहर किये जा चुके 25.38 लाख रुपये के नोटों को जब्त किये जाने से संबद्ध है. ये नोट पीपुल्स लिबरेशन ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ्र) के स्वयंभू प्रमुख दिनेश गोप के थे. एनआईए के अधिकारी ने बताया कि ये नोट उस वक्त जब्त किये गये जब वे नोटबंदी के बाद अपने साथियों के साथ इसे 10 नवंबर 2016 को रांची के एक बैंक में जमा करने जा रहे थे.

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एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि शकुंतला कुमारी, हीदारी देवी , जयप्रकाश सिंह भुइंया,अमित कुमार और फुलेश्वर गोप के साथ तीन कंपनियों को आरोपपत्र में आईपीसी और गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम तथा आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत नामजद किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपपत्र रांची की विशेष एनआईए अदालत में दाखिल किया गया है. प्रवक्ता ने बताया कि कुमारी और देवी, पीएलएफआई के दिनेश गोप की पत्नियां हैं.

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अधिकारी ने बताया कि राज्य पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था और नौ जनवरी 2017 को एक आरोपपत्र दाखिल किया था. 18 जनवरी 2018 को एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथों में ले ली तथा छह और लोगों को गिरफ्तार किया. विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गये और 90 लाख रूपये की संपत्ति तथा अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किये गये . प्रवक्ता ने बताया कि मामले में पहला पूरक आरोपपत्र पिछले साल 21 अक्टूबर को दाखिल किया गया था. यह गिरफ्तार किये गये 10 लोगों और फरार आरोपी दिनेश गोप के खिलाफ था . आगे चल कर , 30 जनवरी को कुमारी और देवी को गिरफ्तार किया गया. वहीं, दिनेश के सहयोगी --भुइंया और कुमार-- को दो मार्च को तथा फुलेश्वर को इस साल 13 जुलाई को गिरफ्तार किया गया.

अधिकारी ने बताया कि कुमारी ने सुमंत कुमार के साथ साझेदारी में तीन संदिग्ध कंपनियां बनाई. कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही अपने नाम पर एक अपंजीकृत कंपनी बनाई. इससे अलग, हीरा ने भी फुलेश्वर के साथ साझेदारी में एक संदिग्ध कंपनी बनाई. उन्होंने बताया कि ये कंपनियां वसूली में प्राप्त की गई लेवी की रकम को वैध बनाने के इरादे से गठित की गई थी. मामले की जांच जारी है.

Source : News Nation Bureau

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