logo-image

बंद के आखिरी दिन नक्सलियों ने गुमला में नवनिर्मित थाने का एक हिस्सा उड़ाया

देर रात 50-60 की संख्या में नक्सली यहां पहुंचे थे. इसके पहले 20 नवंबर को भी नक्सलियों द्वारा बुलाये गये बंद के दौरान बरकाकाना-लातेहार रेलखंड और टाटा-चक्रधरपुर रेलखंड में कुछ रेल पटरियां उड़ा दी गयी थीं.

Updated on: 27 Nov 2021, 10:50 AM

highlights

  • देर रात 50-60 नक्सलियों ने किया धमाका
  • निशाने पर था गुमला का नवनिर्मित थाना
  • फिलहाल पुलिसकर्मी नहीं हुए थे शिफ्ट

रांची:

माओवादी नक्सलियों ने गुमला के कुरुमगढ़ थाने के नवनिर्मित भवन के एक हिस्से को विस्फोट कर उड़ा दिया. हालांकि इस भवन में थाना अभी शिफ्ट नहीं हुआ था. घटना गुरुवार रात की है और पुलिस शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंची है. गौरतलब है कि नक्सलियों ने अपने शीर्ष नेता प्रशांत बोस एवं उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के खिलाफ 22 से 25 नवंबर तक चार राज्यों में बंद बुलाया था. बंद के आखिरी दिन उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है. माओवादियों ने भवन के पास एक पर्चा भी छोड़ा है, जिसमें लिखा गया है कि पोलित ब्यूरो सदस्य किशन दा और नारी मुक्ति संघ की नेत्री शीला दी सहित अन्य साथियों की गिरफ्तारी के विरोध में यह प्रतिशोधात्म क कार्रवाई की गयी है. 

जानकारी के मुताबिक गुरुवार की देर रात 50-60 की संख्या में नक्सली यहां पहुंचे थे. इसके पहले 20 नवंबर को भी नक्सलियों द्वारा बुलाये गये बंद के दौरान बरकाकाना-लातेहार रेलखंड और टाटा-चक्रधरपुर रेलखंड में कुछ रेल पटरियां उड़ा दी गयी थीं. पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सतर्कता और चौकसी से नक्सलियों के चार दिनों के बंद का चाईबासा, गुमला, लोहरदगा, पलामू सहित कुछ जिलों के ग्रामीण इलाकों को छोड़ बाकी जगहों पर कोई असर नहीं दिखा. लंबी दूरी की बसें कम संख्या में चलीं. सीसीएल की मगध और आम्रपाली परियोजनाओं में कोयला उत्पादन और ट्रांसपोर्टिंग भी प्रभावित हुई.

इसके पहले 20 नवंबर को बुलाये गये बंद के दौरान झारखंड में नक्सलियों ने लातेहार और चक्रधरपुर में रेल की पटरियां उड़ा दी थीं. सुरक्षा बलों की चौकसी और सतर्कता की बदौलत नक्सलियों के इस बंद के दौरान आम तौर पर विधि व्यवस्था कायम रही. अब दूसरी बार चार राज्यों में बुलाये गये बंद को लेकर पुलिस और सुरक्षा बलों को एक बार फिर अलर्ट कर दिया गया है. खबर है कि खुफिया एजेंसियों ने झारखंड-बिहार की पुलिस को नक्सलियों द्वारा किसी बड़ी घटना की साजिश की आशंका पर अलग-अलग रिपोर्टें दी हैं.