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प्रकृति की मार, बिजली के लिए हाहाकार, प्रशासन पर होगा प्रदर्शन का असर?

गढ़वा में बिजली की आंख मिचौली अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. भीषण गर्मी में बिजली की आपूर्ति ना होना और उसपर भी अधिकारियों के ढुलमुल रवैये ने मुसीबत को दोगुना कर चुका है.

Updated on: 24 Jun 2023, 05:32 PM

highlights

  • प्रकृति की मार, बिजली के लिए हाहाकार
  • कब तक चलेगी बिजली की आंख मिचौली?
  • विभाग की अनदेखी का दंश झेल रहे लोग
  • प्रशासन पर होगा प्रदर्शन का असर?

Garhwa:

गढ़वा में बिजली की आंख मिचौली अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. भीषण गर्मी में बिजली की आपूर्ति ना होना और उसपर भी अधिकारियों के ढुलमुल रवैये ने मुसीबत को दोगुना कर चुका है. जिसका नतीजा है कि अब आम जनता ही नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि भी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हैं. गढ़वा में बारिश और तूफान की वजह से बिजली के तार गिर गई. जिससे पिछले तीन दिनों से जिला मुख्यालय में ब्लैक आउट जैसे हालात हो गए हैं. यहीं वजह है कि बिजली विभाग को बिजली लेने के लिए कभी यूपी तो कभी बिहार पर निर्भर होना पड़ रहा है.

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प्रकृति की मार, बिजली के लिए हाहाकार

इस बीच स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं, उन्हें प्रचंड गर्मी के बीच महज कुछ घंटों के लिए ही बिजली मिल रही है. उसमें भी वोल्टेज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अब आलम ये है कि आक्रोशित लोग विरोध पर उतर आए हैं. हालांकि विरोध के बाद बिजली विभाग ने कुछ सुधार तो किया, लेकिन गढ़वा में सही ढंग से बिजली की आपूर्ति में 15 दिनों का समय लग सकता है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों की अगुवाई में गुस्साए लोगों ने कलेक्ट्रेट में जाकर डीसी को ज्ञापन सौंपा.

प्रशासन पर होगा प्रदर्शन का असर?

एक तरफ लोगों का आक्रोश है, तो दूसरी ओर बिजली विभाग का आश्वासन. दरअसल, विभाग के विधायक प्रतिनिधि का कहना है कि जिले में बिजली व्यवस्था ठीक होने मे अभी एक महीने का और वक्त लगेगा क्योंकि मेन लाइन के दो टॉवर गिर चुके हैं. इधर बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता की मानें तो गढ़वा को बिजली अभी यूपी से और सोननगर बिहार से लेना पड़ रहा है.