लोहरदगा में मानसूनी बीमारी का कहर, बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
लोहरदगा में मानसूनी बीमारी का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है.
Lohardaga:
लोहरदगा में मानसूनी बीमारी का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. लोहरदगा सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों में 60 से 70% मानसूनी बीमारी की चपेट में रहते हैं. इस संदर्भ में लोहरदगा सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि लोग वर्तमान समय में अपनी लापरवाही की वजह से बीमार हो रहे हैं. मौसम के विपरीत व्यवहार करने की वजह से यह समस्या हो रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सदर अस्पताल में प्रतिदिन 100 से 150 मरीज मानसूनी बीमारी की चपेट में होने की वजह से इलाज कराने के लिए आते हैं.
सिविल सर्जन ने बताया कि इस मौसम में नदी तालाब में नहाने, बिना गर्म पानी पीने, बारिश में भींगने और लापरवाही बरतने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो रही है. उन्होंने बताया कि यह समस्या 2 से 3 दिन रहती है. बीमार होने की हालत में ग्रामीण क्षेत्रों में लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने का कार्य ज्यादा करते हैं. झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराने के बजाय सदर अस्पताल या प्रखंड में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर अपना इलाज करा सकते हैं. जहां दवा निःशुल्क उपलब्ध है.
सिविल सर्जन ने कहा कि इस मौसम में लापरवाही बरतने के चलने समस्या बढ़ सकती है. झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा दिए जाने वाले दवाई और डोज जीवन से खिलवाड़ कर सकता है. सदर अस्पताल में मरीजों की लंबी कतारें देखने को प्रतिदिन मिल रहा है.
ऐसे करें बचाव
इस मौसम में संक्रमित जल पीने से बचें. साफ और शुद्ध पानी ही पीएं.
इन दिनों खट्टी चीजें खाने से बचें.
पहले से कटे हुए फल और सब्जियां नहीं खाएं.
बारिश में भीगने से बचें.
बीमार होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
रिपोर्ट : गौतम लेनिन
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 29 March 2024: क्या है 29 मार्च 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Vastu Tips for Car Parking: वास्तु के अनुसार इस दिशा में करें कार पार्क, किस्मत बदलते नहीं लगेगा देर
-
Importance of Aachman: हिन्दु धर्म में आचमन का क्या मतलब है? जानें इसके महत्व, विधि और लाभ