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राज्य में बालू की लूट पर विधायक ने उठाया सवाल, कहा- शासन-प्रशासन की मिलीभगत

जिले के राजमहल विधायक अनंत ओझा ने विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कार्यस्थगन सूचना के माध्यम से राज्य में हो रही बड़े पैमाने पर बालू लूट का मामला सदन में उठाया.

Updated on: 23 Dec 2022, 03:50 PM

highlights

  • अनंत ओझा ने बालू के अवैध खनन पर उठाया सवाल
  • प्रत्येक महीने करोड़ों रुपये तक की अवैध कारोबारी
  • स्थानीय शासन-प्रशासन की मिलीभगत

 

Sahibganj:

जिले के राजमहल विधायक अनंत ओझा ने विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कार्यस्थगन सूचना के माध्यम से राज्य में हो रही बड़े पैमाने पर बालू लूट का मामला सदन में उठाया. विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक द्वारा लाए गए कार्यस्थगन को सदन को पढ़कर सुनाया. विधायक ने कार्यस्थगन के माध्यम से कहा कि वर्त्तमान महागठबंधन वाली सरकार के अदूरदर्शिता के कारण खनिज संपदा का बड़े पैमाने पर बालू से तेल निकालने का खेल जारी है. पूरे राज्य मे 608 बालू घाट है, जिसमें से मात्र 11 बालू घाटों की ही बंदोबस्ती हुई है. सम्पूर्ण बालू घाटों के बंदोबस्ती नहीं होने के कारण राज्य में अवैध रूप से सभी नदियों से बालू का उठाव जारी है. इस कारोबार में संगठित रूप से बालू उठाव का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है.

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स्थानीय शासन-प्रशासन की मिलीभगत

प्रत्येक महीने करोड़ों रुपये तक की अवैध कारोबार हो रही है, जिसमें स्थानीय शासन-प्रशासन की मिलीभगत है और उन कारोबारियों को सत्ता का संरक्षण भी प्राप्त है. राज्य सरकार के विकास कार्य से संबंधित सभी योजनाएं लंबित पड़ी हुई है. साहिबगंज जिला सहित राज्य के अन्य जिले में एन.जी.टी. के रोक हटने के बाद भी प्रति ट्रेक्टर 9 से 12 हजार रुपये तक में बालू मिल रहा है, जिसको लेकर राज्य की जनता में व्यापक आक्रोश है. विदित हो कि अवैध बालू के उत्खन्न से राज्य और केंद्र के जन कल्याणकारी योजनाओं विशेषकर गरीबों के कल्याणार्थ प्रधानमंत्री आवास योजना 15वें वित्त आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये राशि के लिए अनुसंशित ग्रामीण योजनाओं के निर्माण कार्य बाधित है.

कुछ योजनाएं बंद होने के कगार पर है. साथ ही राज्य के आमजन को पूर्व में उपलब्ध कराये जा रहे बालू की मूल्य की तुलना में तीन से चार गुणा बालू के मूल्य में अभिवृद्धि कर मनमाने ढंग से उपलब्ध करायी जा रही है. जिस कारण आम जीवन की निर्भरता अस्त- व्यस्त हो गयी है. इन सबों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से यहां के दैनिक कार्य करने वाले असंगठित मजूदरों पर भी पड़ रहा है. उनकी आर्थिक स्थिति दिनोंदिन लगातार दयनीय होती जा रही है. उन्होंने सदन के सभी कार्यों को रोककर राज्य में हो रही खनिज सम्पदा बालू की लूट, बाबुघाट की बंदोबस्ती नहीं होना, राज्य को करोड़ों रुपये की राजस्व की क्षति, निर्माण उद्योग प्रभावित होना, गरीबों का आवास नहीं बनना, इन सभी विषयों पर चर्चा की मांग की है.