/newsnation/media/post_attachments/images/2023/08/10/dead-body-pic-11.jpg)
मजदूर की मौत की कीमत 5 लाख( Photo Credit : फाइल फोटो)
झारखंड के सबसे बड़े औद्योगिक जिले सरायकेला में मौजूद फैक्ट्री में तमाम आदेशों का उल्लंघन तो साफ दिखता है. अब यहां मजदूरों की लाश की कीमत भी लगने लगी है. ताजा मामला आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र का है, जहां 2 दिन पहले एक मजदूर की मौत हो गई. मौत के बाद कंपनी प्रबंधन के द्वारा परिजनों को कोई सूचना नहीं दी गई. दरअसल, इस मामले में एक 16 वर्षीय अल्पसंख्यक नाबालिग लड़के को बहला फुसलाकर कुली का काम करने के उद्देश्य से कंपनी में ले आया. जहां काम करने के दरमियान उसे कंपनी की छत पर भेज दिया गया. बिना अनुभव के उस बच्चे से काम करवाया जा रहा था.
यह भी पढ़ें- Happy Birthday Hemant Soren: सीएम हेमंत सोरेन का जन्मदिन आज, देश के दिग्गज नेताओं ने दी बधाई
नाबालिग की जान की कीमत 5 लाख रुपये
वहीं, शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. जब नाबालिग बच्चा छत पर काम कर रहा था, उसी दौरान छत पर से बच्चे का पैर फिसला और वह सीधे नीचे लोहे के औजार पर जा गिरा. इससे बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया और उसे तड़पते हुए अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों को जब इसकी खबर हुई, तब वह आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे. उसके बाद उन्होंने कंपनी परिसर के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया.
बहला-फुसलाकर कंपनी में कराया काम
प्रदर्शन का माहौल देखकर झामुमो के कई नेता भी मामले को रफा-दफा करने के नाम पर एकजुट होने लगे. कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाया जाने लगा, जहां मृतक के पिता ने 2000000 रुपए और एक नौकरी की मांग रखी, तो कंपनी प्रबंधन व उनके साथी मौके से अपनी कंपनी छोड़कर ही निकल गए. वहीं, ₹500000 में पूरे मामले को रफा-दफा कर दिया गया. अब यहां सवाल यह उठता है कि नाबालिग से कंपनी में मजदूरी क्यों कराया जा रहा था. क्या ऐसे में कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
HIGHLIGHTS
- नाबालिग मजदूर की मौत की कीमत 5 लाख
- बहला-फुसलाकर कर लगाया था काम पर
- 5 लाख में मामले को किया गया रफा-दफा
Source : News State Bihar Jharkhand