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प्रवासी मजदूरों की झारखंड वापसी शुरू, तेलंगाना और कोटा से तीन विशेष ट्रेनें रवाना

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से लाने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है.

Updated on: 02 May 2020, 08:57 AM

रांची:

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर शुक्रवार से प्रवासी मजदूरों की झारखंड (Jharkhand) वापसी का सिलसिला शुरू हो गया और इसके लिए तेलंगाना से 1,200 प्रवासी श्रमिकों को लेकर एक विशेष ट्रेन तड़के यहां हटिया के लिए रवाना हुई, जबकि कोटा से भी छात्रों को लेकर दो विशेष ट्रेनें रात्रि नौ बजे रवाना हुईं जो शनिवार को यहां पहुंचेंगी. कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण संबंधी मामलों के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और पर्यटकों को राज्य में वापस लाने का यह कार्य तब तक जारी रहेगा, जब तक बंद की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे सभी लोग वापस नहीं आ जाते हैं.

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उन्होंने इससे पहले मुख्यमंत्री आवास में मंत्रिमंडल की उपसमिति और पदाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि प्रवासी मजदूरों और विद्यार्थियों समेत अन्य लोगों को वापस लाने की अनुमति दिए जाने के 24 घंटे के अंदर इनकी वापसी का सिलसिला शुरु हो चुका है. जहां हैदराबाद से 1,200 मजदूर शुक्रवार रात्रि लगभग को लौट रहे हैं, वहीं झारखंड में फंसे पश्चिम बंगाल के मजदूरों को बस से वापस भेजा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के कोटा में फंसे झारखंड के लगभग 2,883 विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए दो विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की गई है. दोनों ट्रेनें शुक्रवार रात झारखंड के लिए रवाना हुईं. एक विशेष ट्रेन रांची पहुंचेगी, जबकि दूसरी ट्रेन धनबाद जायेगी.

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से लाने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है. बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों से मजदूरों को बस से वापस लाया जाएगा. इन राज्यों में झारखंड के लगभग 34,000 मजदूर फंसे हुए हैं. इनकी पूरी सूची तैयार कर ली गई है. उन्होंने बताया कि दूर के राज्यों से प्रवासी मजदूरों को विशेष ट्रेनों से लाया जाएगा. इसके अलावा जहां कम संख्या में लोग फंसे हैं, उन्हें हवाई जहाज से लाने पर भी सरकार विचार कर रही है. मुख्य सचिव ने बताया कि अंतरराज्यीय और अंतर जिला आवागमन को लेकर भी संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. इसके अंतर्गत जो लोग अपने वाहन से आना चाहेंगे, उन्हें संबंधित जिलों के उपायुक्त पास जारी करेंगे.

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वहीं, राज्य के बाहर जो फंसे हैं, वे संबंधित जिले के उपायुक्त के पास के लिए आवेदन देंगे. अगर उन्हें किसी तरह की दिक्कतें आती हैं तो वे इसके लिए राज्य सरकार से संपर्क कर सकते हैं. बैठक में बताया गया कि लौटने वाले प्रवासी मजदूरों और विद्यार्थियों की चिकित्सीय जांच, भोजन और रहने की व्यवस्था की जा रही है. लौटने के बाद उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसके बाद उनके लिए निश्चित की गई जगह पर रहने की व्यवस्था की जाएगी. फिर, सभी की चिकित्सकीय जांच कराई जाएगी. जो स्वस्थ पाए जाएंगे, उन्हें घर भेजा जाएगा और पूरी एहतियात बरतने का निर्देश दिया जाएगा. जिनमें संक्रमण का थोड़ा सा भी खतरा होगा, उन्हें कोविड अस्पताल अथवा उनके घर में ही पृथक-वास में रखकर इलाज किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'लाखों प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद चुनौतियां बढ़ेंगी. उन्हें रोजगार देना सबसे बड़ी चुनौती होगी. इस वजह से अभी से इस दिशा में कार्य योजना तैयार की जा रही है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए अलग-अलग वृहद कार्य योजनाएं बनाई जा रही है. राज्य के सभी उद्योगों का आकलन किया जा रहा है. इन उद्योगों में लगभग 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों का रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठाएगी. सरकार की कोशिश यही है कि राज्य की आंतरिक क्षमता का पूरा इस्तेमाल हो, ताकि ना सिर्फ यहां के लोगों को रोजगार मिल सके, बल्कि दूसरे प्रदेशों के लोग भी यहां रोजगार करने के लिए आ सकें.'

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