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पर्यटकों को खूब भा रहा धनबाद का मैथन डैम, दूर दराज से आ रहे पर्यटक

धनबाद का मैथन डैम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ. लोग भारी संख्या में मैथन डैम पहुंच रहे हैं.

Updated on: 07 Oct 2022, 03:24 PM

Dhanbad:

धनबाद का मैथन डैम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ. लोग भारी संख्या में मैथन डैम पहुंच रहे हैं. मैथन डैम की खूबसूरती में चार चांद उस समय लग गया जब डैम के तीन-तीन फाटक खोले गए. लोग इस दौरान फाटक खुलने के बाद दिखे नजारे को कैमरे में कैद करते नजर आए. धनबाद के मैथन डैम को झारखंड का स्वर्ग माना जाता है. वैसे तो भारी बारिश की वजह से सूबे के कई जिलों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन मैथन डैम को देखने के लिए न सिर्फ झारखंड के बल्कि दूसरे राज्यों के भी पर्यटक आ रहे हैं. मैथन डैम हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है और डैम की खूबसूरती में चार चांद उस समय लग गए जब डैम के तीन तीन फाटक खोले गए.

डैम के तीनों फाटक खुलते ही लोग उस नजारे को कैमरे में कैद करने के बेताब दिखे. पर्यटकों खूब आनंद लेते नजर आए. मैथन डैम के बीचों बीच छोटे-छोटे पहाड़ किसी आईलैंड या टापू से कम नहीं मैथन डैम का यही खासियत है जो कि पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं, जिससे पर्यटक अपने पूरे परिवार के साथ आकर प्रकृति के अद्भुत नजारे को अपने कैमरे में कैद करते हैं और खुश दिखाई देते हैं.

वैसे तो मैथन डैम की खूबसूरती में यहां की कई चीजें चार चांद लगाती हैं, लेकिन कुछ मैथन डैम की खास बाते हैं जो आपको जाननी चाहिए.
मैथन का नाम 'मां का स्थान' से लिया है.
मैथन का अर्थ है मां कल्याणेश्वरी के लिए जगह.
बाराकर नदी के तट पर स्थित है.
धनबाद के कोयला शहर से लगभग 48 किमी दूर है मैथन डैम.
अंडरग्राउंड पावर स्टेशन वाला बांध पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में अद्वितीय है.
जिस झील पर यह बनाया गया है वह 65 वर्ग किलोमीटर से अधिक फैला हुआ है.
वर्ष 1948 में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी लिमिटेड) ने मैथन डैम को विकसित किया था.
बांध लगभग 15712 फीट लंबा और लगभग 165 फीट लंबा है.
भूमिगत पावर स्टेशन में बिजली की लगभग 60,000 किलोवाट उत्पादन क्षमता.

झारखंड में अगर कहीं कश्मीर आपको देखना है तो कम से कम एक बार मैथन डैम जरूर आएं. मैथन डैम स्वयं एक खूबसूरत झील और खूबसूरत हरे जंगलों के बीच में बना है. झील के चारों ओर खूबसूरत हरे जंगल मैथम डैम की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं.

रिपोर्ट : नीरज कुमार