दलमा बूढ़ा बाबा के प्राचीन मंदिर में 18 फरवरी को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, भक्तों के मन में है एक डर

सरायकेला खरसावां के चांडिल अनुमंडल में दलमा बूढ़ा बाबा का प्राचीन मंदिर है. यहां दूरदराज से भक्त पहुंचते हैं.

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Jatin Madan
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इस बार कम बारिश होने की वजह से पानी का स्तर नीचे चला गया है. ( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

सरायकेला खरसावां के चांडिल अनुमंडल में दलमा बूढ़ा बाबा का प्राचीन मंदिर है. यहां दूरदराज से भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर में 18 फरवरी को आने वाले महाशिवरात्रि त्योहार की तैयारी चल रही है, लेकिन यहां के लोगों को पानी किल्लत का डर सताने लगा है. जिसे दूर करने के लिए वो सरकार और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे हैं. दरअसल इस बार कम बारिश होने की वजह से पानी का स्तर नीचे चला गया है. नतीजा कुएं का पानी भी नीचे चला गया. बाल्टी से दो बूंद पानी उठाने के लिए स्थानीय लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. 

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यहां के संतों का कहना है कि सरकार अगर डिप बोरिंग करा दे तो भक्तों को पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा. इसके साथ ही पानी के टैंकर की सुविधा भी मुहैया कराये जाने की मांग की है. स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां के लोगों पर बाबा की इतनी कृपा है कि जंगल के जानवर भी बाबा का नाम लेकर चलने पर इंसानों को देखते ही रास्ते से हट जाते हैं. इन सभी मान्यताओं को देखते हुए इस मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं और बाबा के जयकारें से ये पूरा इलाका गूंज उठता है.

दरअसल दलमा वन विभाग को शिवरात्रि के दिन लाखों रुपये का रेवेन्यू आता है, लेकिन अगर यहां आने पर श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली तो इस पर असर पड़ना लाजमी है. हालांकि महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर में जोरों से तैयारियां तो जरूर चल रही हैं, लेकिन साथ ही मंदिर के पुजारियों को पानी की किल्लत का डर भी सता रहा है. जिसे दूर करने के लिए जनप्रतिनिधिनियों से लेकर सरकार तक से वो गुहार लगा रहे हैं. अब देखना ये है कि उनकी ये गुहार सरकार तक पहुंचती है.

रिपोर्ट : बीरेंद्र मंडल

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HIGHLIGHTS

  • सरायकेला में दलमा बूढ़ा बाबा का प्राचीन मंदिर
  • सताने लगा पानी किल्लत का डर 
  • सरकार और जनप्रतिनिधियों से लगाई गुहार

Source : News State Bihar Jharkhand

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