गढ़वा जिले में पिछले 18 दिनों से आतंक का प्रयाय बना तेंदुआ को आदमखोर घोषित कर दिया गया है. इसे लेकर हाई लेवल मीटिंग के बाद प्रस्ताव को पास कर दिया गया है. वन विभाग की टीम 3-4 बिंदुओं पर विचार कर रही है. अंतिम निर्णय के रूप में तेंदुआ को मारने का विकल्प रखा गया है. इसे लेकर हैदराबाद से मशहूर सुटर गढ़वा के लिए चल दिया है. गढ़वा का जंगली इलाका पलामू, छत्तीसगढ़, लातेहार से सटा हुआ क्षेत्र है. जिस आदमखोर तेंदुए ने पिछले कई दिनों से क्षेत्र में आतंक मचा कर रखा है. वह पीटीआर (पलामू टाइगर रिजर्व) का भागा हुआ आदमखोर तेंदुआ है. तेंदुआ को मारने के लिए वन विभाग की ओर से बुलाए गए जानवरों के चर्चित शूटर हैदराबादी नवाब शपथ अली खान गढ़वा के लिए रवाना हुए हैं.
इसकी जानकरी पलामू जोन के सीएफ सह दक्षिनी वन क्षेत्र के वन प्रमंडल पदाधिकारी दिलीप यादव ने दी है. जानकारी के अनुसार पीसीएफ वाइल्ड लाइफ से अनुमति के इंतजार में अब तक गढ़वा नहीं पहुंचने के कारण गढ़वा की वन विभाग ने उन्हें अनुमति मिलने से पहले ही बुलाई है ताकि रमकंडा, भंडरिया के जंगलों का भ्रमण कर इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का आंकलन किया जा सके. आंकलन के बाद तेंदुआ को कैद किये जाने से संबंधित उपाय पर काम किया जा सके.
डीएफओ ने बताया कि अनुमति मिलने से पहले उन्हें और उनकी टीम को इन क्षेत्रों का भ्रमण कराया जाएगा. वहीं उसके लोकेशन की तलाश और उसे पकड़ने संबंधित पहलुओं पर काम किया जाएगा. जैसे ही पीसीएफ वाइल्ड लाइफ से इसकी अनुमति मिलती है. वैसे ही तेंदुआ को कैद किये जाने पर काम शुरू कर दिया जायेगा. डीएफओ ने बताया कि आदमखोर हो चुके हैं. इस तेंदुआ को मारना अंतिम विकल्प होगा. इसके पहले उसे कैद करने के लिए बेहोश करने वाले गन का इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं, बेहोश के बाद उसे पिंजड़ा में भी रखा जा सकता है. उसके पिंजड़ा में नहीं रहने की स्थिति में उसे मारने के अंतिम विकल्प पर विचार किया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- तेंदुआ को आदमखोर घोषित कर दिया गया
- तेंदुआ को मारने का विकल्प रखा गया
- चर्चित शूटर को बुलाया गया गढ़वा
Source : News State Bihar Jharkhand