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चारा घोटाला: कम नहीं हो रही हैं लालू यादव की परेशानी, झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई टली

न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में उनकी याचिका सुनवाई की जानी थी. जबकि इससे पहले 8 नवंबर को भी सुनवाई टल गई थी.

Updated on: 22 Nov 2019, 03:12 PM

highlights

  • चारा घोटाले में कम नहीं हो रही लालू यादव की मुश्किलें. 
  • झारखंड हाईकोर्ट में टली लालू यादव की याचिका पर सुनवाई. 
  • 7 साल की सजा मुकर्रर है लालू यादव को. 

रांची:

बहुचर्चित चारा घोटाला (Fodder Scam) के दुमका कोषागार मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जमानत याचिका पर एक बार फिर झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई टल गई. बता दें कि एक अधिवक्ता के निधन के कारण हाईकोर्ट में लालू यादव की याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई. अब ताजा जानकारी ये निकल कर आ रही है कि अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.

बता दें कि न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में उनकी याचिका सुनवाई की जानी थी. जबकि इससे पहले 8 नवंबर को भी सुनवाई टल गई थी. तब कोर्ट ने लालू यादव की याचिका पर सीबीआई को जवाब पेश करने को कहा था.

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जानकारी के लिए बता दें कि दुमका कोषागार मामले में लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत से 7 साल की सजा मिली है. उनकी ओर से कस्टडी को आधार बनाते हुए और स्वास्थ्य कारणों (Health Issues) का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से जमानत मांगी गई है.
गौरतलब है कि दुमका कोषागार मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को पिछले साल 24 मार्च को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत सात-सात वर्ष की सजा सुनाई थी. इसी के साथ इस मामले में उन पर 60 लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया था. इसके अलावा चारा घोटाले के तीन अन्य मामलों में भी वो सजायाफ्ता हैं. लालू यादव पर दुमका कोषागार से तीन करोड़ 13 लाख रुपए गबन करने का आरोप था.

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लालू ने इसी मामले में जमानत के लिए अपनी बीमारी का हवाला देते हुए कहा है कि वो रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं और कई बीमारियों से पीड़ित हैं. लालू मधुमेह, हृदय और किडनी के मरीज हैं. पिछले कुछ समय से उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है. याचिका में बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत देने की मांग की गई है.

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इससे पहले बीते जुलाई में लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों में आधी सजा काटने पर जमानत देने का प्रावधान किया है. इसी को देखते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें देवघर मामले में जमानत दी थी.