दुर्गा पूजा पंडाल में लालू-राबड़ी की प्रतिमाएं देख नाराज हुए श्रृद्धालू, RJD ने दी सफाई
दरअसल झारखंड की एक पूजा समिति ने रांची में दुर्गा पंडालों में राबड़ी देवी और लालू यादव को देवी-देवता के रूप में दिखाया है.
New Delhi:
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमों लालू यादव और उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एक बार फिर सुर्खियों में हैं. दरअसल झारखंड की एक पूजा समिति ने रांची में दुर्गा पंडालों में राबड़ी देवी और लालू यादव को देवी-देवता के रूप में दिखाया है. वहीं राबड़ी देवी को राजमाता बताया है और दोनों के हाथों में लालटेन भी दिखाई गयी है.
बता दें कि लालटेन राजद का चुनाव चिह्न है.
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श्रृद्धालुओं में नाराजगी
इसे लेकर वहां के श्रद्धालुओं में काफी नाराजगी है, जानकारीा के अनुसार इस बात से पुजारी भी नाराज हैं. वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से ट्वीट भी किया गया है और इस पर अंगुली उठाने वाले लोगों पर हमला भी किया गया है.
बताया जाता है कि रांची के नामकुम में नवयुवक संघ की ओर मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित किया गया है. नवयुवक संघ की ओर से आकर्षक पंडाल बनाए गए हैं. सप्तमी को ही मां दुर्गा के पट खुल गए हैं. श्रद्धालुओं की भीड़ वहां उमड़ रही है. लेकिन इस पूजा पंडाल में भक्ति संग सियासत का तड़का भी देखने को मिल रहा है. इस पूजा पंडाल में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की प्रतिमाएं भी देवी-देवताओं की प्रतिमा के संग लगाई गई हैं. बताया जाता है कि इसे लेकर वहां आनेवाले श्रद्धालुओं में काफी नाराजगी है. साथ ही पुजारी ने भी नाराजगी जताई है.
रांची, झारखंड के नवयुवक संघ को राजद परिवार तहेदिल से आभार प्रकट करता है कि आपने ग़रीबों,उपेक्षितों,उत्पीडितों, उपहासितों, वंचितो के मसीहा लालू जी के सामाजिक कार्यों को कला के माध्यम से रेखांकित करने का सराहनीय कार्य किया है। आप इसके लिए बधाई के पात्र हैं।आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ। pic.twitter.com/azvX5jBvzi
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 6, 2019
इतना ही नहीं, राजद की ओर से एक और ट्वीट किया गया है और मीडिया की ओर से उठाए गए सवाल पर चोट की गई है. दूसरा ट्वीट में उसने लिखा है- 'आसाराम की पूजा की जा सकती है. राम-रहीम की पूजा की जा सकती है. चिन्मयानंद की पूजा की जा सकती है पर विवाद तब उठता है जब हाथ जोड़ दुर्गा के सामने खड़े लालू जी और राबड़ी देवी जी की प्रतिमा लगा दी जाती है. विवाद तब उठता है जब कमल की जगह सजावट के लिए पंडाल में लालटेन लगा दिया जाता है.'
आयोजक ने दी सफाई
उधर, जब यह बात सत्ता के गलियारे में आई तो पंडाल के आयोजक ने सफाई दी. राजद महासचिव सह पंडाल आयोजक ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी प्रतिमा के रूप खुद एक भक्त की तरह हाथ जोड़े हुए हैं. वे मां दुर्गा से गुहार लगा रहे हैं. बता दें कि झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और प्रतिमाओं को चुनाव में फायदे के लिए लगाये जाने की बात कह रहे हैं.
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