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लालू प्रसाद यादव की रिहाई का रास्ता साफ, डोरंडा मामले में भी मिली बेल

21 फरवरी को लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी. वहीं 60 लाख रूपये जुर्माना भी लगाया था.

Updated on: 22 Apr 2022, 01:48 PM

highlights

  • चारा घोटाले में लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ
  • डोरंडो कोषागार मामले में भी अदालत से मिली जमानत
  • झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई की दलील को नहीं माना

रांची:

बहुचर्चित चारा घोटाला मामले के सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को आखिरकार जमानत मिल गई. झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत में सुनवाई हुई. दस लाख रुपए के मुचलके पर लालू को जमानत दी गई है. बीते बुधवार को सीबीआई की ओर से कोर्ट को जवाब सौंपा गया था, जिसमें बताया गया था कि लालू यादव ने अपनी आधी सजा भी पूरी नहीं की है. अदालत ने सीबीआई की दलील को नकार दिया है. लालू पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि वह आधी सजा पूरी कर चुके हैं. फिलहाल लालू यादव एम्स दिल्ली में उपचाराधीन हैं. 

डोरंडा कोषागार में मिली राहत
गौरतलब है कि 21 फरवरी को लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी. वहीं 60 लाख रूपये जुर्माना भी लगाया था, जिसके खिलाफ लालू यादव ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की. लालू यादव पर डोरंडा कोषागार मामले में 135 करोड़ रूपये अवैध निकासी मामले में सजा दी गयी है. इसके पहले लालू को चारा घोटाले के अन्य मामलों में सजा मिल चुकी है.

चारा घोटाले के अन्य मामले
चारा घोटाला संयुक्त बिहार के वक्त चार जिलों में हुआ, जिसमें चाईबासा जिला में चारा घोटाले के दो मामले हैं. सबसे अधिक अवैध निकासी रांची डोरंडा कोषागार से हुई. मामले में सबसे पहले प्राथमिकी चाईबासा में दर्ज की गयी, जहां चाईबासा कोषागार में 37.7 करोड़ की अवैध निकासी पर लालू को पांच साल की सजा और 25 लाख जुर्माना लगाया गया. देवघर कोषागार से 89.5 लाख की अवैध निकासी हुई. इसमें साढ़े तीन साल की सजा सुनायी गयी. साथ ही पांच लाख जुर्माना लगाया गया. चाईबासा कोषागार से 30 करोड़ की अवैध निकासी हुई. इसमें पांच साल की सजा और 10 लाख जुर्माना लगाया गया. दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी पर सात साल की सजा और 30 लाख रूपये जुर्माना लगाया गया. वहीं, डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रूपये की अवैध निकासी की गयी है.