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जानिए कौन है तिरंगे वाले शौकत भाईजान, जिन्होंने बांटे 2 लाख तिरंगा

एक तरफ जहां लोग तिरंगा से छेड़छाड़ कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा शख्स है, जो तिरंगा प्रेमी है.

Updated on: 13 Aug 2023, 02:39 PM

highlights

  • तिरंगे वाले शौकत भाईजान
  • 2 लाख लोगों को बांट चुके हैं तिरंगा
  • 10 साल पहले मिली थी इसकी प्रेरणा

 

Garhwa:

एक तरफ जहां लोग तिरंगा से छेड़छाड़ कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा शख्स है, जो तिरंगा प्रेमी है. जिसे शहर के लोग तिरंगे वाले शौकत भाईजान के नाम से जानते हैं. शौकत अबतक दो लाख लोगों को तिरंगा भेट कर चुके हैं. गढ़वा शहर मुख्यालय का रहने वाला एक तिरंगा प्रेमी शौकत, जो पिछले दस वर्षों से तिरंगा झंडा आम लोगों के बीच वितरित कर उसे राष्ट्र प्रेम के प्रति जागरूक कर रहा है. शौकत की बात करें तो उन्होंने सरकारी कार्यालयों से लेकर कई निजी संस्थान तक लोगों को जागरूक करने का काम किया है. इनके इस अभियान को लेकर बड़े से बड़े अधिकारी हो या सेलिब्रेटी, सभी इनके कार्यों की सराहना करते हैं. 

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तिरंगे वाले शौकत भाईजान

मंदिर हो या मस्जिद या चर्च या फिर गुरुद्वारा, सभी जगहों पर तिरंगा भेंट किया है. इन्हें यह प्रेरणा जिला के एक सीआरपीफ जवान की शहादत के बाद मिली, जिन्हें प्राणोंप्रान्त शौर्य चक्र से नवाज़ा गया था. वहीं से इन्होंने प्रण लिया कि अब हर घर में तिरंगा पहुंचेगा और इनके सम्मान में तिरंगा यात्रा निकलेगा. आज शौकत लगभग दो लाख लोगों तक राष्ट्र प्रेम के प्रति जागरूक करते हुए तिरंगा भेंट कर चुके हैं. अधिकारियों ने भी शौकत के इस कार्य की बहुत सराहना की है.

2 लाख लोगों को बांट चुके हैं तिरंगा

शौकत कहते हैं कि दस वर्ष पहले मेराल प्रखंड के अटौला निवासी शहीद आशीष तिवारी और उनके परिजनों से प्रेरणा लेकर सर्व प्रथम उनके सम्मान में उनकी प्रतिमा स्थापित की और तिरंगा बांटने की शुरुआत की थी. जिसमें उन्हें तत्कालीन सीआरपीफ कमानडेंट कैलाश आर्या का भरपूर सहयोग मिला. सरहद पर देश की रक्षा करने वालो जवानों के सम्मान में विद्यालय, कॉलेज, मंदिर, मस्जिद, पुलिस लाइन सहित कई संस्थानों में लोगो के बीच तिरंगा का वितरण किया और उन्हें देश के शहीद जवान पुलिस पदाधिकारी के लिए प्रेरित किया. साथ ही उनसे आग्रह किया कि जो जवान हमारे देश की और हमारे रक्षा के लिए शहीद हुए हैं. उनके सम्मान में जाति, धर्म से हटकर कम से कम दो राष्ट्रीय त्यौहार मे अपने-अपने घरों मे तिरंगा लगाए.