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कब टूटेंगी अंधविश्वास की बेड़ियां? जानिए दुमका में डायन बताकर चार लोगों से मारपीट का पूरा मामला

दुमका में अंधविश्वास का क्रूर चेहरा सामने आया. जहां तीन महिलाओं और एक पुरुष पर डायन होने का आरोप लगाकर उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया गया.

Updated on: 27 Sep 2022, 08:53 AM

Dumka:

दुमका में अंधविश्वास का क्रूर चेहरा सामने आया. जहां तीन महिलाओं और एक पुरुष पर डायन होने का आरोप लगाकर उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया गया. ग्रामीणों ने उनके साथ मारपीट की. फिर उन्हें मैला पानी पिलाया और फिर सरिये से उनके शरीर को जला दिया गया. एक तरफ आज हमारा देश शक्ति स्वरूप मां दुर्गा की अराधना कर नारी के हर रूप की पूजा कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ झारखंड में नारी की इसी गरिमा को शर्मसार किया गया. एक तरफ जहां देश ने नवरात्र की शुरूआत आस्था और विश्वास के साथ की गई तो वहीं दूसरी तरफ दुमका में महिलाओं को अंधविश्वास का दंश झेलना पड़ा. जहां डायन बताकर महिलाओं के साथ ना सिर्फ मारपीट की गई. बल्कि उन्हें मैला पिलाया गया और जब इतने से भी दबंगों का मन नहीं भरा तो उन्होंने महिलाओं के शरीर को गर्म सरिये से जला दिया.

दुमका में हुई इस घटना ने अंधविश्वास की सभी सीमाएं पार कर दी है. मामला सरैयाहाट थाना इलाके के असवार गांव का है. हैरान करने वाली बात ये कि पीड़ितों में सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि एक पुरुष भी है. आरोपियों ने तीन महिलाएं और एक पुरूष को डायन घोषित कर दिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी. पिटाई के बाद उन्हें मैला पिलाया गया. और फिर सरिए से शरीर दो जला दिया गया. घटना के बाद से ही पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. ऐसे में डॉक्टरों ने उन्हें दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया है.

मामला सामने आने के बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई. पुलिस ने गांव के ही 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक ग्रामीणों को शक था ये चारो डायन है. इसलिए अगर गांव में कभी किसी बच्चे या जानवर की तबीयत खराब होती थी तो इनपर ही आरोप लगाया जाता था. धीरे-धीरे ग्रामीणों का ये अंधविश्वास इतना बढ़ा कि उन्होंने पीड़ितों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया. अंधविश्वास के नाम पर उन्हें तालिबानी सजा दी गई. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

डायन बिसाही के नाम पर ग्रामीणों का क्रूर चेहरा पहली बार सामने नहीं आया है. इससे पहले दर्जनों ऐसे मामले सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में देखने को मिले हैं. जहां डायन होने का ठप्पा लगाकर महिलाओं से अमानवीय बरताव किया जाता है. कई बार तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है. हालांकि हर बार ये घटनाएं सिर्फ अंधविश्वास के नाम पर नहीं की जाती. कभी-कभी शातिर दबंग जमीन और संपत्ति की लालच में भी महिलाओं को इसका शिकार बनाते हैं. बहरहाल दुमका मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. उम्मीद है पीड़ितों को न्याय मिलेगा..

रिपोर्ट : विकास कुमार