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Khunti News: मणिपुर कांड के विरोध व शांति बहाल की मांग को लेकर मिशनरियों ने निकाला मौन जूलूस

खूंटी-रांची की मुख्य सड़क मार्ग पर आज ऑल चर्चेस कमिटी के आह्वान पर हजारों की संख्या में लोगों ने मौन जूलूस किया. मौन जूलूस में शामिल अधिकांश लोग मणिपुर हिंसा के विरोध में हाथों में तख्तियां लिए चल रहे थे.

Updated on: 06 Aug 2023, 07:06 PM

highlights

  • मणिपुर में शांति बहाली के लिए निकाला मार्च
  • ऑल चर्चेस कमिटी की अगुवाई में निकाला गया मार्च
  • मणिपुर में शांति बहाली की मांग की गई

Khunti:

खूंटी-रांची की मुख्य सड़क मार्ग पर आज ऑल चर्चेस कमिटी के आह्वान पर हजारों की संख्या में लोगों ने मौन जूलूस किया. मौन जूलूस में शामिल अधिकांश लोग मणिपुर हिंसा के विरोध में हाथों में तख्तियां लिए चल रहे थे. जिसमें लिखा था - मणिपुर में हिंसा की घटनाएं बन्द करो, आदिवासियों को न्याय दो, मणिपुर में अमानवीय कृत्य करने वाले दोषियों को सजा दो, चर्चों पर हमला करना बंद करो. केंद्र सरकार चुप्पी तोड़ो, आदिवासियों पर अन्याय अत्याचार बन्द करो.

ऑल चर्चेस कमिटी खूंटी के नेतृत्व में मणिपुर अत्याचार मामले में निकाली गई मौन जूलूस खूंटी के कचहरी मैदान से प्रारंभ होकर खूंटी भगत सिंह चौक मेन रोड होते हुए नेताजी चौक होकर वापस संत मिखायल स्कूल परिसर में सभा मे तब्दील हो गयी. मौन जूलूस में खूँटी डायोसिस के रोमन कैथोलिक विशप विनय कंडुलना, जीईएल चर्च, सीएनआई चर्च के विशप, सिस्टर, पादरी,  आम ग्रामीण महिला पुरुष और भारी संख्या में युवा भी मौन जूलूस में शामिल थे.

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मौन जूलूस में शामिल आरसी चर्च खूंटी डायोसिस के बिशप विनय कंडुलना ने कहा कि आज मौन जूलूस के माध्यम से हम सभी मणिपुर में सामाजिक समरसता के साथ लॉ एंड आर्डर बेहतर हो सके इसकी अपेक्षा करते हैं साथ ही मणिपुर राज्य के आदिवासियों के दुख में सहभागी होने के लिए जूलूस निकाली गई है. हम सभी ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि मणिपुर राज्य में जल्द शांति बहाल हो.

क्या हुआ था मणिपुर में?

मणपुर में कूकी जोमी सामाज की दो महिलाओं के साथ क्या हुआ पूरे देश ने ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने देखा. उनके साथ क्या हुआ उसकी चर्चा बाद में करते हैं फिलहाल चर्चा तो इस बात की होनी चाहिए थी कि उनकी अस्मत लुटने से पहले उन महिलाओं के साथ क्या हुआ था. दो महिलाओं जिसमें एक की उम्र  लगभग 20 वर्ष और दूसरे की उम्र लगभग 40 वर्ष है. दोनों कांगपोकपी जिले की निवासी हैं. लगभग 1000 की संख्या में आसामाजिक तत्व इन महिलाओं के गांव में घुस जाते हैं. आसामाजिक तत्वों के हाथों में एके-47, एके-56, इंसास राइफल्स और .303 राइफल्स रहते हैं. युवती के पिता की दंगाइयों द्वारा हत्या कर दी जाती है और फिर जब युवती का भाई अपनी बहन की अस्मत लुटने से बचाने के लिए विरोध करता है तो उसकी भी हत्या कर दी जाती है. घटना 4 मई 2023 की है.