झारखंड के तुबेद कोल माइंस विवाद पर फिर हुआ हंगामा, कब होगा समाधान?

तुबेद कोल माइंस का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कभी अवैध खनन तो कभी विस्थापित ग्रामीणों से ठगी को लेकर तुबेद के कर्मचारी बुरी तरह घिरे नजर आ रहे हैं. दरअसल कल यानी 22 फरवरी को जन मजदूर परिवार संघ के बैनर तले लातेहार सदर थाना क्षेत्र के नेवाड़ी प

तुबेद कोल माइंस का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कभी अवैध खनन तो कभी विस्थापित ग्रामीणों से ठगी को लेकर तुबेद के कर्मचारी बुरी तरह घिरे नजर आ रहे हैं. दरअसल कल यानी 22 फरवरी को जन मजदूर परिवार संघ के बैनर तले लातेहार सदर थाना क्षेत्र के नेवाड़ी प

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Ritu Sharma
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कोल माइंस विवाद( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

तुबेद कोल माइंस का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कभी अवैध खनन तो कभी विस्थापित ग्रामीणों से ठगी को लेकर तुबेद के कर्मचारी बुरी तरह घिरे नजर आ रहे हैं. दरअसल कल यानी 22 फरवरी को जन मजदूर परिवार संघ के बैनर तले लातेहार सदर थाना क्षेत्र के नेवाड़ी पंचायत में समशेर आलम की अध्यक्षता में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया था. सम्मेलन में मुख्य रूप से 6 गांव के प्रभावित सैकड़ों ग्रामीण कार्यक्रम में शामिल हुए. ग्रामीणों ने बताया कि डीवीसी तुबेद कोल माइंस के अधिकारियों द्वारा प्रभावित और विस्थापित ग्रामीणों के साथ धोखा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि डीवीसी कंपनी बाहरी लोगों को रोजगार दे रही है, जबकि विस्थापित ग्रामीणों को नौकरी, मुआवजा व कई लाभ देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन उसे अबतक पूरा नही किया है. लिहाजा गांव के ग्रामीण पलायन कर रहे हैं. ग्रामीणों की मांगों को पूरा करने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर 6 दिनों के भीतर तुबेद कोल माइंस के अधिकारियों ने उनकी मांगों को पूरा करने का काम नहीं किया तो हमलोग संवैधानिक तरीके से कंपनी के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे. साथ ही ग्रामीणों ने कंपनी से क्षेत्र का बुनियादी विकास अविलंब पूरा करने की मांग की है. झारखंड सरकार की योजना नीति के अनुसार परियोजना के स्थानीय लोगों को 75% रोजगार देने, मुफ्त बिजली, पानी, इलाज के लिए अस्पताल, एंबुलेंस, स्कूल, गरीबों को पेंशन, खेल स्टेडियम, स्थानीय लोगों को रोजगार, रैयतों को जमीन का मुआवजा, जनता को जलाऊ लकड़ी के लिए मुफ्त कोयला, विस्थापित ग्रामीणों को पुनर्वास लाभ आदि 33 सूत्री मांग की है.

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कोल माइनिंग कंपनी कि एक्शन 
साथ ही मांगे पूरी नहीं होने पर विस्थापितों ने जन-मजदूर परिवार संघ के बैनर तले तुवेद डीवीसी कोल माइनिंग कंपनी से अपना हक लेने के लिए एकजुट होकर विरोध करने की बात कही है. सम्मेलन स्थल से विस्थापित रैयत, हाथों में तिरंगा लेकर संघ कार्यालय की ओर मार्च कर रहे सैकड़ों महिला-पुरुषों ने हमारी मांगों को पूरा किया, डीवीसी कंपनी होश में आओ, डीवीसी कंपनी वापस जाओ, महात्मा गांधी जिंदाबाद, भगत सिंह जिंदाबाद आदि कई नारे लगाते हुए जागरूकता रैली में शामिल हुए थे.

रात के अंधेरे अवैध काम 
आपको बता दें कि तुबेद कोल माइंस से लगातार रात के अंधेरे और दिन के उजाले में अवैध कोयले की ढुलाई की जा रही है. अवैध कोयला तस्कर रात में तुबेद कोल माइंस क्षेत्र से अवैध कोयले की निकासी कर चिमनी और बंगला ईट भट्ठा में बेच रहे हैं. हालांकि हाल ही में अवैध कोल माइंस क्षेत्र को अनुमंडल पदाधिकारी शेखर कुमार और जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ने अपने देख रेख में जेसीबी के माध्यम से उत्खनन क्षेत्र को ध्वस्त कर आने-जाने वाले रास्ते को काट दिया था. उसके बावजूद अवैध उत्खनन का कार्य जारी है. सूत्रों की माने तो प्रतिदिन पचास से साठ मोटरसाइकिल और साइकिल के द्वारा अवैध कोयले की निकासी की जाती है. ऐसे अवैध कोयले को ईट भट्ठा के संचालक एक ट्रक वैध रूप से कोयले की खरीदारी कर रात के अंधेरे में आए अवैध कोयले को खपाने का कार्य करते हैं. इससे अवैध उत्खनन को बढ़ावा मिल तो मिल ही रहा है. साथ ही सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है. इधर, इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार और तुबेद के कर्मचारी कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आ रहे है, इससे साफ जाहिर होता है कि कोयले के इस कालाबाजारी के खेल को विभागीय संरक्षण भी मिल रहा है. प्रशासन और तुबेद कोल माइंस के कर्मचारियों की दोहरी नीति से मजदूर परिवार संघ के सदस्यों में काफी आक्रोश है.

HIGHLIGHTS

  • झारखंड के तुबेद कोल माइंस विवाद पर बवाल क्यों ?
  • कोल माइंस में ऐसे शुरू हुई समस्या 
  • पुलिस का एक्शन

Source : News State Bihar Jharkhand

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