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झारखंड : देवधर की कलेक्टर ने जिले के संसाधन से बनवाया मॉस्क, सैनिटाइजर

झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी और देवनगरी देवघर में बाबा बैजनाथ का विश्वप्रसिद्ध मंदिर होने की वजह से यह मशहूर शहरों में शुमार है.

Updated on: 31 Mar 2020, 04:05 PM

Jharkhand:

कोरोनावायरस के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान जहां कई जगह अधिकारी मास्क और सैनिटाइजर का रोना रो रहे हैं, वहीं झारखंड के देवघर जिले की कलेक्टर ने जिले में उपलब्ध संसाधन से मास्क और सैनिटाइजर का निर्माण कराकर उसकी कमी नहीं होने दी है. झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी और देवनगरी देवघर में बाबा बैजनाथ का विश्वप्रसिद्ध मंदिर होने की वजह से यह मशहूर शहरों में शुमार है. जाहिर ऐसे में देश-विदेश से यहां भक्तों और सैलानियों के पूरे साल हुजूम उमड़ता है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से जिले को सुरक्षित रखना और तमाम बारीक से बारीक चीजों का खयाल रखना किसी भी अधिकारी के लिए किसी जंग से कम नहीं है.

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के लिए 2014 बैच की तेज-तर्रार-आईएएस अफसर नैंसी सहाय ने अपनी बेहतरीन प्रबंधन क्षमता से लॉकडाउन के दौरान न सिर्फ लोगों को घरों में रखने में कामयाब साबित हो रही हैं, बल्कि जरूरी मेडिकल किट्स के अलावा रोजमर्रा की चीजों की भी किल्लत नहीं होने दे रही हैं. जब देशभर में सैनेटाइजर और मास्क की भारी किल्लत नजर आ रही थी, तब नैसी ने अपनी सूझ-बूझ से जिले में ही सैनेटाइजर और मास्क का उत्पादन शुरू करवा दिया.

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खाद्य सामग्री की कमी न हो और कोई भूखा न रहे, इसलिए अस्थाई ग्रेन बैंक बनाकर उन्होंने जनता से सहयोग लिया. नतीजा करीब दो हजार से ज्यादा लोग हर रोज तमाम सेंटरों में भोजन प्राप्त कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए लोगों को उनके घर सुरक्षित पहुंचना, हेल्थ चेकअप और सरकार के तमाम निर्देश का अनुपालन यहां बखूबी किया जा रहा है.

कोरोना के इस संक्रमण काल मे कलेक्टर नैंसी सहाय न सिर्फ जनता, बल्कि सरकार के लिए भी संकटमोचक साबित हुई हैं. झारखंड में अबतक कोरोना का एक भी मरीज सामने नहीं आया है. राज्य में अभी तक कोरोना के मामलों में 277 लोगों की जांच हुई है, लेकिन 266 नेगेटिव पाए गए हैं, जबकि बाकी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है.