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झारखंड : देवघर में पीएम मोदी के स्वागत में बीजेपी बनाम झामुमो का पोस्टर वार  

झामुमो के पोस्टर कहते हैं जोहर (संथाली फॉर वेलकम) पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी ने संस्कृत शब्द स्वागतम को चुना है जिसका मतलब भी स्वागत है.

Updated on: 12 Jul 2022, 08:30 PM

नई दिल्ली:

झारखंड में झामुमो और उसके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के बीच पोस्टर युद्ध छिड़ गया है, दोनों राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए भगवा और हरे रंग के पोस्टरों के साथ इस छोटे तीर्थ शहर की दीवारों को पाट दिया है. जपा के भगवा रंग के पोस्टरों पर देवघर ज्योतिर्लिंग की छवि के साथ केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. जबकि झारखंड राज्य सरकार और झामुमो के पोस्टरों में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हरे रंग के पोस्टरों पर प्रमुखता से अंकित हैं, जो कि आदिवासी पार्टी द्वारा पसंद किया गया रंग है.

झामुमो के पोस्टर कहते हैं जोहर (संथाली फॉर वेलकम) पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी ने संस्कृत शब्द स्वागतम को चुना है जिसका मतलब भी स्वागत है. प्रधानमंत्री के स्वागत करने को लेकर 'युद्ध' दो प्रतिद्वंद्वियों के हाथ मोड़ने की कवायद प्रतीत होती है, जहां न तो दूसरे को विशेष रूप से पलक झपकने तक की जगह देना चाहते हैं. झामुमो कांग्रेस की सहयोगी है और उसने उसके साथ गठबंधन कर सरकार बनाई है. जबकि राज्य नियमित रूप से अपने राज्यों में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए पोस्टर  लगाते हैं, विपक्षी दल शायद ही कभी पीएम का स्वागत करते हुए अपने स्वयं के पोस्टर लगाते हैं.

झामुमो ने मोदी के रोड शो के रास्ते में अपने संस्थापक शिबू सोरेन के साथ अपने धनुष और तीर के चिन्ह के साथ अपने हरे रंग के झंडे भी लगाए हैं. इसका मुकाबला करने के लिए, भाजपा ने अपने कई विंगों - युवा, महिलाओं और किसानों की विशेषता वाले पूरे मार्ग में कलाकारों के साथ कई चरणों की स्थापना की है.

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स्थानीय समुदायों जैसे आदिवासी, साहू समाज और अन्य लोगों द्वारा भी भाजपा के समर्थन से कई चरण रखे गए हैं. इन पोस्टरों में, एक अन्य क्षेत्रीय संगठन, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू), जो कभी भाजपा की सहयोगी रही है, ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए अपने तिरंगे हरे-लाल-नीले झंडे लगाए हैं. प्रधानमंत्री मंगलवार को देवगढ़ में एक हवाई अड्डे सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी. वह देवगढ़ में शैव पंथ ज्योतिर्लिंग मंदिर `बैद्यनाथ धाम भी गए.