Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका को खारिज किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह निर्णय उनके लिए एक महत्वपूर्ण राहत है. सोरेन ने बताया कि उन्हें जेल में डालने और कीमती वक्त को जाया करने की वजह से राज्य के अनेक मुद्दों का समाधान नहीं हो सका. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को लोकतंत्र का एक स्तंभ बताते हुए कहा कि यहां अंधेरा नहीं है.
न्यायालय के प्रति विश्वास
आपको बता दें कि सोरेन ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, ''ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं राज्य की संपत्ति को लेकर घूम रहा हूं या फरार हो गया हूं, इसके लिए मुझे जेल के सलाखों के पीछे डाल दिया गया. बहुत तरीके से सोरेन परिवार के ऊपर लांछन लगे और मेरा कीमती वक्त इन लोगों ने जाया किया.'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर उनका वक्त बर्बाद नहीं हुआ होता, तो वे आज झारखंड के कई महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान कर चुके होते.
बीजेपी पर अप्रत्यक्ष हमला
वहीं बीजेपी पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा, ''आज न्यायालय सर्वोपरि है. जिस लोकतंत्र का वह स्तंभ है, वहां मैं समझता हूं कि अंधकार नहीं है, लेकिन कुछ समूह ऐसे भी हैं जो न्यायालय के वक्तों को बर्बाद करते हैं और बेवजह समाज में काम करने वाले लोग, चाहे वो राजनीति या सामाजिक रूप से हों और जो समाज के गरीब, आदिवासी, दलित और पिछड़ों की आवाज बनने का काम कर रहे हैं, उनकी आवाजों को बंद करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं.'' सोरेन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह बातें साबित हो गईं कि न्यायालय में सत्य की जीत होती है.
जनता की समस्याओं पर ध्यान
बता दें कि सोरेन ने जोर देकर कहा कि उनका कीमती वक्त बर्बाद करने के बावजूद, वे जनता की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, ''आज राज्य के कोने-कोने से लोग अपनी आवश्यकताओं को लेकर मुझसे मिलने आ रहे हैं. उनकी समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना मेरी प्राथमिकता है.''
सीएम पद की शपथ और फ्लोर टेस्ट
वहीं हेमंत सोरेन ने जून में रिहाई के बाद फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिया. वर्तमान में झारखंड विधानसभा की कार्यवाही चल रही है, जिसमें सोरेन ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है. यह उनकी प्रतिबद्धता और नेतृत्व को दर्शाता है.