झारखंड के दुमका में पुलिस ने एक लूट के झूट कांड का उदभेदन करने में सफलता पायी है. पुलिस ने इस झूठे कांड में शिकायतकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है. इस कांड में शिकायतकर्ता अपने ही बुने जाल में फंसकर जेल के सलाखों के पीछे जाना पड़ा. दुमका में महाजन का कर्ज नहीं चुका पाने से तीन पशु व्यवसायिओं ने डकैती का झूठा षडयंत्र रच पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. दरअसल मामला जिले के मसलिया थाना क्षेत्र पिछुली मोड़ के पास झूठे डकैती कांड का है.
पुलिस के मुताबिक पश्चिम बंगाल राजनगर के शेख इलियास ने 25 अगस्त को पुलिस के समक्ष पांच अज्ञात अपराधकर्मियों के विरूद्ध पिस्तौल का भय दिखाकर 230500 (दो लाख तीस हजार पॉच सौ) रूपया एवं एक सैमसंग कम्पनी का एण्ड्रॉइड मोबाईल लूट लिये जाने के आरोप दर्ज कराया था.
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पुलिस ने मामले की गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की धरपकड़ के लिए चेकनाका लगाकर जांच शुरू कर दी और आसपास थाना को अलर्ट कर दिया. लेकिन पुलिस को इस लूट का कोई सुराग नही मिला. पुलिस ने अपने अनुसंधान के क्रम में इस घटना में पूर्व के आरोपित एवं संदिग्धों के विरूद्ध छापामारी की तथा पूर्व के आरोपित अपराधियों के मोबाईल नंबर पता कर टेक्नीकल सेल से तकनीकि विशलेषण में घटना की तिथि को किसी भी पूर्व के आरोपित अपराधियों का घटना के दिन का घटना स्थल के आस-पास उपस्थिति नहीं पायी गई.
पुनः थाना प्रभारी मसलिया के द्वारा शिकायतकर्ता एवं उनके साथी से कडाई से पुछताछ के दौरान उन लोगो ने दिनांक 25 अगस्त को मसलिया थाना के पिछुली मोड़ के पास किसी प्रकार के घटना घटित नहीं होने की बात कही. शिकायतकर्ता के साथी शेख नसीब के निशानदेही पर लूटे गये मोबाईल की बरामदगी घटना स्थल के करीब 100 मीटर पूरब झाड़ी से बरामद करवाया गया. पुछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि ये देवघर जिले के पालोजारी क्षेत्र से मवेशी उधार लेकर बंगाल राजनगर ले जाते है तथा पुनः मवेशी को बेच कर महाजन को चुकता करते हैं.
इसी लेने देने क्रम में महाजन का 2,30,000 (दो लाख तीस हजार ) रूपया उधार हो गया था. जिसे दिनांक 25 अगस्त को चुकता करना था. लेकिन पैसा नहीं होने के कारण शिकायकर्ता शेख इलियास पिता-शेख कादिर, एवं उसके साथी शेख मोहर तथा शेख नसीब के द्वारा योजनावद्ध तरीके से गलत तथ्य पेश करते हुए डकैती का झूठा काण्ड अंकित कराया गया ताकि महाजन को रूपया चुकता करने में समय मिले तथा सहानुभूति प्राप्त करते हुए महाजन को कम रूपये चुकाना पडे. बहरहाल पुलिस ने डकैती के इस मामले को पर्दाफास कर दिया है. डकैती के इस कांड में झूठ का जाल बुनकर खुद ही शिकायतकर्ता फंस गये हैं. जिन्हें अब खुद आरोपी बनकर जेल का मुंह भी देखना पड़ेगा.
Source : विकास प्रसाद साह