झारखंड में सियासी बवाल के बीच 12वें मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन, आज ली CM पद शपथ
आज (शुक्रवार, 2 फरवरी) चंपई सोरेन ने 12वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही साथ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली. बता दें कि हेमंत सोरेन ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
highlights
- चंपई सोरेन बने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री
- चंपई सोरेन ने आज ली CM पद शपथ
- आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता बने मंत्री
Ranchi:
Jharkhand New CM Champai Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सियासी घमासान तेज हो गया है तो वहीं दूसरी ओर आज (शुक्रवार, 2 फरवरी) चंपई सोरेन ने 12वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही साथ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली. बता दें कि हेमंत सोरेन ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं इसको लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बन सकती थी, लेकिन परिवार में आपत्तियों के बीच JMM की बैठक में चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया. अब उन्होंने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है.
आपको बता दें कि चंपई सोरेन और गठबंधन के अन्य नेताओं ने बुधवार रात राज्यपाल से मुलाकात की थी, जिसके बाद गुरुवार को इन नेताओं ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से भी मुलाकात की. इसके बाद शपथ के लिए आज की तारीख तय की गई. बता दें कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद राज्य में मुख्यमंत्री नहीं होने को लेकर असमंजस की स्थिति थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था. चंपई सोरेन को 5 फरवरी को बहुमत साबित करना होगा.
#WATCH | JMM vice president Champai Soren takes oath as the Chief Minister of Jharkhand, at the Raj Bhavan in Ranchi.
— ANI (@ANI) February 2, 2024
This comes two days after Hemant Soren's resignation as the CM and his arrest by the ED. pic.twitter.com/WEECELBegr
यह भी पढ़ें: झारखंड में सियासी बवाल: विधायकों ने सरकार बनाने का दावा किया पेश, हैदराबाद रवाना
जानें कौन हैं चंपई सोरेन?
इसके साथ ही आपको बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, JMM चीफ शिबू सोरेन के वफादार माने जाने वाले राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को 1990 के दशक में अलग (झारखंड) राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई में योगदान देने को लेकर 'झारखंड टाइगर' के नाम से जाना जाता है. वहीं चंपई सोरेन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1991 में सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक के रूप में निर्वाचित होकर की थी.
जानें सियासी गणित
गौरतलब है कि 81 सीट वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 होना चाहिए. यानी जिस पार्टी के पास जादूई आंकड़ा होगा उस दल की सरकार बनेगी. फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)के नेता चंपई सोरेन ने 47 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया है. बुधवार को वो 43 विधायकों के साथ राजभवन भी गए थे. इन 47 विधायकों में जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17, आरजेडी के 1 और सीपीआई (एमएल) का 1 विधायक शामिल हैं.
वहीं, दूसरी ओर एनडीए के 32 विधायक हैं. इनमें बीजेपी के 26, एजेएसयू के 3, एनसीपी (एपी) के 1 और दो निर्दलीय विधायक हैं. अगर झारखंड में सरकार बनाने की बात होती है तो एनडीए को सरकार बनाने के लिए सिर्फ 9 विधायकों का समर्थन चाहिए.
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