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झारखंड एक बार फिर रचने जा रहा इतिहास, महिलाएं बन रहीं मिट्टी की डॉक्टर

हर गांव और हर किसान की मिट्टी के लिए भी अब डॉक्टर होंगे. अब राज्य के हर पंचायत में मिट्टी की प्रयोगशाला होगी और मिट्टी के वहां डॉक्टर होंगे जो हमारे ग्रामीण किसानों को बताएंगे कि उनकी भूमि का स्वास्थ्य कैसा है.

Updated on: 21 Aug 2019, 12:01 PM

रांची/दुमका:

आज पूरे देश में झारखंड एक बार फिर इतिहास रचने की ओर है. पहली बार झारखण्ड की महिलाएं मिट्टी की डॉक्टर बन रही हैं. हर गांव और हर किसान की मिट्टी के लिए भी अब डॉक्टर होंगे. अब राज्य के हर पंचायत में मिट्टी की प्रयोगशाला होगी और मिट्टी के वहां डॉक्टर होंगे जो हमारे ग्रामीण किसानों को बताएंगे कि उनकी भूमि का स्वास्थ्य कैसा है. जिस खेत पर वो खेती कर रहे हैं उसकी उपज कैसे बढ़ सकती है. अगर मिट्टी में कोई दोष/रोग उत्पन्न हो गया है या कोई कमी आ गई है उसे भी दूर करने का उपाय किया जाएगा. प्रत्येक पंचायत में दो-दो प्रशिक्षित महिला समूह के सदस्य मिट्टी के डॉक्टर बन रही हैं. मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास आज खेल गांव के टाना भगत स्टेडियम में इनका सम्मान करेंगे. यह पूरी कवायद मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास की सोच का परिणाम है. आज उनके विज़न को आज साकार किया जा रहा है.

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अब हर खेत का भी अपना हेल्थ कार्ड भी है. 17 लाख किसानों को अपने खेत के लिए हेल्थ कार्ड मिल गया है. आज खेल गांव के टाना भगत स्टेडियम में 5000 से अधिक किसानों को और पूरे राज्य में आज 50 हजार किसानों को उनके खेत का हेल्थ कार्ड मिल जाएगा. आज ही 350 महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टरों के रूप में पहचानपत्र भी दिए जाएंगे. साथ ही, 120 मृदा परीक्षक एवं 120 रियेज्न्ट रिफिल का भी वितरण किया जायेगा.