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केंद्र के बाद झारखंड सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों का बढ़ाया DA

कोरोना संकट (Corona Virus) और बढ़ती महंगाई के बीच पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) 11 प्रतिशत बढ़ा दिया है.

Updated on: 27 Jul 2021, 06:24 PM

नई दिल्ली:

कोरोना संकट (Corona Virus) और बढ़ती महंगाई के बीच पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) 11 प्रतिशत बढ़ा दिया है. अब राजस्थान के बाद झारखंड सरकार ने भी मंगलवार को राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला लिया है. झारखंड में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 17% से बढ़ाकर 28% कर दिया गया है. यह महंगाई भत्ता राज्य में 1 जुलाई 2021 से लागू होगा. आपको बता दें इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर बताया था कि राजस्थान सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स का महंगाई भत्ता 17% से बढ़ाकर 28% करने का निर्णय किया गया है.

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पिछले दिनों केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस मीटिंग में महंगाई भत्ते (DA) में कुल 11 फीसदी की बंपर बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है. अब डीए 17% से बढ़ाकर 28% कर दिया गया है. कर्मचारियों को एक जुलाई 2021 से डीए का फायदा मिलेगा. साथ ही पेशनरों को भी इसका लाभ मिलेगा. 65 लाख पेंशनधारियों को इसका सीधा फायदा होगा. 48 लाख 34 हजार केंद्रीय कर्मचारियों को DA का फायदा होगा. इससे सरकारी खजाने पर 34400 करोड़ प्रभाव पड़ेगा.

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढाकर 17% से 28% करके उन्हें बहुत बड़ी राहत दी है. मोदी सरकार के इस निर्णय से लाखों केंद्रीय कर्मचारी व पेंशनर लाभांवित होंगे. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूं. 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट ने वस्त्रों और परिधानों पर टैक्स छूट की योजना की अवधि को 1 जनवरी 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2024 तक करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. यह भारतीय टेक्सटाइल क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में एक मिल का पत्थर साबित होगा, इसके लिए मोदी का अभिनंदन.

गृह मंत्री ने आगे कहा कि मोदी कैबिनेट ने ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’ को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में 01 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक ₹4607.30 करोड़ के वित्तीय निहितार्थ के साथ जारी रखने की मंजूरी दी है, जिससे आयुष शिक्षण संस्थान सशक्त होंगे और देशभर में आयुष सेवाओं और दवाओं की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी.