झारखंड सिपाही भर्ती में 12 मौतों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान सामने आया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप मढ़ा है. सीएम ने इन मौतों का जिम्मेदार केंद्र सरकार को ठहराते हुए कहा है कि कोरोना की वैक्सीन की वजह से इन युवाओं की जान गई है. गौरतलब है कि प्रदेश में राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से चल रही सिपाही भर्ती के फिजिकल टेस्ट में 12 युवकों की मौत मौत हुई थी. इसको लेकर अब राज्य में जमकर सियासी बवाल मचा हुआ है. लगातार यहां राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने पर तुले हुए हैं, ऐसे में अब सीएम सोरेन के इस बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया है.
सीएम ने कहा कि कोरोना के टीके के दुष्प्रभाव के कारण ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं. देश मे लोग सर्दी खांसी से मर रहे हैं, दौड़ते-दौड़ते और चलते-चलते लोग मर रहे हैं. बूढ़े बुजुर्ग ही नहीं बल्कि जवान लोग भी मर रहे है. दरअसल, एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी के समय टीकों को गलत बताते हुए कहा कि कोविट वैक्सीन के दुष्परिणामों के कारण आज मौत हो रही हैं. सिपाही भर्ती की दौड़ के दौरान कुछ नौजवानों की असमय मौत हो गई है, लेकिन दौड़ने से मौत नहीं है हुई है बल्कि ऐसे ही अचानक लोग चलते-चलते भी मर रहे हैं.
दौड़ की टाइमिंग में होगा बदलाव
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्पाद सिपाही भर्ती के दौरान बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की हो रही मौत मामले में संज्ञान लेते हुए 3 दिनों तक भर्ती प्रक्रिया को स्थापित कर दिया था. इसके अलावा भर्ती के लिए दौड़ करने का समय सुबह 9 बजे से पहले ही करवाने का भी निर्देश दिया है. मौतों के मामले में पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया और अब पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
बीजेपी ने मांगा 50-50 लाख मुआवजा
इधर, बीजेपी का दावा है कि इस भर्ती परीक्षा में 15 मौत हुई हैं. बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की मौत के बाद राज्य में सियासत शुरू हो गई थी. बीजेपी ने झारखंड सरकार से मृतक अभ्यर्थियों के परिजनों को 50 -50 लाख मुआवजा राशि जबकि एक सरकारी नौकरी देने की मांग की है. वहीं बीजेपी के द्वारा सभी मृतकों के परिजनों को सहयोग के तौर पर एक-एक लाख रुपए देने की भी ऐलान किया गया है.