logo-image

35 लाख किसानो को मिलेगा मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ : मुख्यमंत्री रघुवर दास

इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि संथालपरगना की गरीबी और विकास से दूर देख मन को पीड़ा होती थी इस क्रम में मैं सोचता था कि अगर मैं मुख्यमंत्री बना तो संथाल परगना को बदलने का पूर्ण प्रयास करूंगा.

Updated on: 03 Sep 2019, 10:51 AM

झारखंड/दुमका:

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास सोमवार को गोड्डा के सुंदर पहाड़ी में आयोजित एक जन चौपाल कार्यक्रम में पहुचे थे. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि संथालपरगना की गरीबी और विकास से दूर देख मन को पीड़ा होती थी इस क्रम में मैं सोचता था कि अगर मैं मुख्यमंत्री बना तो संथाल परगना को बदलने का पूर्ण प्रयास करूंगा. 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से मैं लगातार संथालवासियों के बीच आ रहा हूं. संथाल की गरीबी दूर करना और संथाल में विकास कार्यों को नया आयाम देना मेरी प्राथमिकताओं में है. इस प्राथमिकता को कुछ हद तक हासिल कर पाया हूं, लेकिन पूर्णता अभी शेष है. यही वजह है आज फिर मैं आपके बीच, आपकी परेशानियों को साझा करने, उसे अपने हर संभव प्रयास से दूर करने आया हूं. 

यह भी पढ़ें- कुपोषण मुक्त झारखंड के लिए सबके साझे प्रयास की जरूरत : मुख्यमंत्री रघुवर दास

डबल इंजन की सरकार किसानों को करेगी सशक्त

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार की पहली प्राथमिकता है किसानों की आय को दुगना करना. पीएम किसान निधि योजना व मुख्यमंत्री कृषि सम्मान योजना के लक्ष्य की भेदने में महती भूमिका निभा रहा है. अब तक 18 लाख किसानों को इसका लाभ मिल चुका है. छूटे हुए किसानों के नाम की इंट्री 10 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी. इसको लेकर सभी जिलों के उपायुक्त हर दिन इसकी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है. राज्य के 35 लाख किसानों को उपरोक्त दोनों योजनाओं से लाभान्वित करना है, जिससे किसान खेती हेतु जरूरी संसाधन जुटा सकें.

पहले पढ़ाई फिर विदाई, लड़कियों की शिक्षा भी हो सुनिश्चित

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुकन्या योजना के तहत झारखंड की बच्चियों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. सुकन्या योजना के तहत भी लड़कियों लाभ पहुंचाया जा रहा है. सरकार जन्म के साथ ही उनके परिजनों के खाते में राशि भेज रही है, जिससे उनकी पढ़ाई के लिए आर्थिक समस्या बाधा उत्पन्न न करे. जिन लड़कियों की उम्र 18 वर्ष हो चुकी है और जो अविवाहित हो, 12वीं पास कर ली हो और उनका नाम मतदाता सूची में शामिल करवाकर उनके खाते में 10-10 हजार रुपये भेजे जा रहें हैं. मुख्यमंत्री कन्या दान योजना के तहत भी विवाह योग्य बच्चियों को 30 हजार रुपये दिये जा रहें हैं. इस तरह सरकार एक बच्ची को उसके जन्म से लेकर विदाई तक 70 हजार रुपये दे रही है.
हम सब मिलकर झारखंड से कुपोषण को करेंगे दूर

श्री दास ने जन चौपाल के दौरान कहा कि झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. कुपोषण मुक्त झारखंड बनाने के आप सभी का सहयोग जरूरी है. सबके सहयोग से इस बड़ी समस्या को खत्म किया जाएगा. बच्चे स्वस्थ होंगे, तभी झारखंड राज्य स्वस्थ और मजबूत होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे बच्चों के समूचित विकास में आंगनबाड़ी का प्रमुख योगदान है. यहीं से बच्चों में भविष्य की बुनियाद पड़ती है. इसे देखते हुए सीएसआर के माध्यम से राज्य सरकार आंगनबाड़ी को सुदृढ़ कर रही है. इसमें कार्यरत सभी कर्मियों में ममता का भाव होना चाहिए. सभी ईमानदारी से अपना काम करें. केवल खानापूर्ति न करें. सभी अपनी जिम्मेवारी समझते हुए काम करेंगे, तभी हम कुपोषण मुक्त झारखंड का निर्माण कर पायेंगे.

उज्जवला योजना से महिलाओं की जिंदगी में आया बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना के बाद से अब जंगल जाकर लकड़ी चुनने और धुंए गरीब महिलाओं को निजात मिली है. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत राज्य में अबतक 32 लाख से ज्यादा लाभुकों को योजना का लाभ दिया जा चुका है. इन लाभुकों को अब दूसरी रिफिल भी मुफ्त दी जा रही है. पूरे देश में झारखंड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां उज्ज्वला योजना के तहत चूल्हा और दूसरा रिफिल मुफ्त में दिया जा रहा है. दूसरे रिफिल हेतु लाभुकों को गैस सिलिंडर की कीमत के बराबर राशि डीबीटी के जरिए उनके खाते में भेजी जा रही है. उज्जवला योजना से महिलाओं की जिंदगी में अहम बदलाव आया है. उन्हें चूल्हे में खाना बनाने के दौरान होने वाले धुएं और घुटन से आजादी मिली है. उनके स्वास्थ्य को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है. इतना ही नहीं इससे पर्यावरण संरक्षण में भी काफी मदद मिल रही है और महिलाओं को जंगल जा कर लकड़ी चुनने से भी आजादी मिली है. झारखंड देश के अव्वल राज्यों में शामिल है. यहां लगभग 43 लाख लाभुकों को इस योजना से जोड़ा जाना है. इस लक्ष्य को हासिल करने के अंतिम पड़ाव पर झारखंड पहुंच चुका है. 30 सितंबर तक शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा.

गांव को रोशन करने का हो रहा है कार्य

मुख्यमंत्री ने बताया कि 14 वें वित्त आयोग के तहत सभी पंचायतों में led स्ट्रीट लाइट, लगवाए जा रहे है, ताकि शहर की तरह ग्रामीण इलाके भी रौशनी से जगमगाये. पेभर ब्लॉक की सड़कें बन रहीं हैं, सौर ऊर्जा के माध्यम से शुद्ध पेयजल घरों के दरवाजे तक पहुंचाया जा रहा है.

इस अवसर पर आयुक्त संथाल परगना श्री विमल, पुलिस उपमहानिरीक्षक संथाल परगना श्री राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त सुश्री किरण पासी, पुलिस अधीक्षक श्री शैलेन्द्र कुमार बर्णवाल, श्री हेमलाल मुर्मू व बड़ी संख्या में महिला व पुरुष उपस्थित थे.