जिस खिलाड़ी ने झारखंड का नाम किया रोशन, आखिर बधाई के लिए क्यों करना पड़ा घंटों इंतजार

गुजरात में हो रहे 36वें नेशनल गेम में चंदनकियारी के रहने वाले गोल्डी मिश्रा ने तीरंदाजी प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर पूरे झारखंड का नाम रोशन किया है.

गुजरात में हो रहे 36वें नेशनल गेम में चंदनकियारी के रहने वाले गोल्डी मिश्रा ने तीरंदाजी प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर पूरे झारखंड का नाम रोशन किया है.

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Vineeta Kumari
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राज्य का नाम रोशन करने वाले को बधाई के लिए करना पड़ा घंटों इंतजार( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

गुजरात में हो रहे 36वें नेशनल गेम में चंदनकियारी के रहने वाले गोल्डी मिश्रा ने तीरंदाजी प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर पूरे झारखंड का नाम रोशन किया है. इस जीत पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्विटर पर उससे बधाई दी, लेकिन जिला प्रशासन गोल्डी के इस गोल्ड जीतने की बात को समझ ना पाया. यही कारण रहा कि गोल्ड जीतने वाले गोल्डी को जिला प्रशासन और माननीयों से सम्मान लेने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. गोल्डी जमशेदपुर से अपने घर चंदनकियारी जा रहा था, जहां इसके घर वाले उसका इंतजार कर रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन ने 5 मिनट के लिए गोल्डी को हो रही दिशा की बैठक में बुलाकर सम्मान देने के लिए आग्रह किया. गोल्डी तो जरूर वहां समय से पहुंच गया, लेकिन उसे सम्मान लेने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा.

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इस दौरान गोल्डी मीटिंग हॉल के बाहर घूमता रहा, जब मीडिया वालों ने जिला खेल पदाधिकारी से गोल्डी को सम्मान देने पर सवाल उठाया तो उसे रेस्टोरेंट में ले जाकर बैठा दिया. जब रेस्टोरेंट में बोकारो के डीसी कुलदीप चौधरी आए तो उन्होंने गोल्डी को बैठा पाया. उसके बाद मंत्री जगरनाथ महतो ने मामले में संज्ञान लेते हुए गोल्डी और उसके कोच समेत एक अन्य खिलाड़ी को मीटिंग हॉल में बैठाया और आधे घंटे से अधिक इंतजार कराने के बाद उसे सम्मानित किया गया.

हालांकि गोल्डी के सम्मान में हुए विलंब को लेकर डीसी ने भरी मंच से खेद जताया, लेकिन जब गोल्डी को सम्मान देने में हुई देरी पर दिशा के अध्यक्ष धनबाद के भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी, लेकिन गोल्डी को सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने सम्मानित किया है. यह गर्व की बात है, उन्होंने सवाल को ही नकारात्मक बता दिया. वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी. जानकारी मिली तो तुरंत उसे मीटिंग हॉल में बुलाया और उसे सम्मान दिया. उन्होंने कहा कि मीडिया को जानकारी थी तो एक कागज का पुर्जा मुझे भिजवा देना चाहिए था.

Source : News State Bihar Jharkhand

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