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रांची में सहायक पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन में बवाल( Photo Credit : X/@PTI_News)
Jharkhand Assistant Police Protest: झारखंड की राजधानी रांची में पुलिस से पुलिस भिड़ गई. असिस्टेंट पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन में बवाल हो गया. ये सहायक पुलिसकर्मी में वेतन वृद्धि और स्थायीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारी सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज किया. प्रोटेस्ट कर रहे सहायक पुलिसकर्मी भी डंडे चलाते हुए दिखते हैं.
रांची में बड़ी संख्या में सहायक पुलिसकर्मी में सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए. प्रदर्शन में शामिल सहायक पुलिसकर्मियों की संख्या हजारों में थी. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 2017 में उनको बहाल किया गया था. अभी तक उनको महज 10 हजार रुपये ही वेतन मिलता है. ऐसे में उनको न्यूनतम वेतन और नौकरी का स्थायीकरण किया जाए. प्रोटेक्ट में काफी दूर-दूर से सहायक पुलिसकर्मी शामिल हुए थे.
यहां देखें- सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज का वीडियो
VIDEO | Jharkhand: Police lathi-charge to disburse Special Police Officers (SPOs) protesting outside the Chief Minister’s residence in Ranchi. Contractual SPOs have put forward various demands including permanent jobs.
(Full video available on PTI Videos -… pic.twitter.com/1i9DvLtAJZ
— Press Trust of India (@PTI_News) July 19, 2024
लाठीचार्ज की क्यों पड़ी जरूरत?
बड़ी संख्या में सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास का घेराव करने के लिए इकट्ठा हुए. ये सभी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर वहां पहुंचे हुए थे. इससे पहले इन्होंने मुराबादी मैदान में प्रदर्शन किया था. इसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से सीएम आवास की ओर बढ़े. सहायक पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की. हालात बेकाबू होते देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने इन सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज किया.
#WATCH | Jharkhand: Assistant police personnel held a protest in Ranchi demanding salary hikes and regularization.
Police resort to lathi-charge to disperse them. pic.twitter.com/xCYEtpiH3t
— ANI (@ANI) July 19, 2024
क्या है पूरा विवाद?
झारखंड के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की साल 2017 में नियुक्ति हुई. सरकार ने तब इनको संविदा पर रखा था. इनका मानदेय 10 हजार रुपये प्रति महीना तय किया था. सहायक पुलिसकर्मियों के पद पर बहाल हुए सभी अभ्यर्थियों को 3 साल के बाद स्थायी करने की बात कही गई. आज 7 साल हो गए हैं, इनमें से किसी की भी नौकरी पक्की नहीं हुई है. यही वजह है कि ये सहायक पुलिसकर्मी वेतन वृद्धि और नौकरी का स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं और हड़ताल पर चले गए हैं.
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Source : News Nation Bureau