JDU ने रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस का किया समर्थन, कहा - उपेंद्र कुशवाहा को हमारे नेता से करनी चाहिए थी बात
अशोक चौधरी ने कहा कि अगर उन्हें परेशानी थी तो हमारे नेता से बात करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि महत्त्वाकांक्षी होना अच्छी बात है, लेकिन अति महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात नहीं है.
बिहार सरकार के मंत्री और झारखंड JDU प्रभारी अशोक चौधरी रांची पहुंचे है. जहां उन्होंने बीजेपी को लेकर कहा कि अगर देश में बीजेपी को रोकना है तो हमे एक होना होगा. वहीं, पार्टी से बगावत कर चुके उपेंद्र कुशवाहा को लेकर उन्होंने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें परेशानी थी तो हमारे नेता से बात करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि महत्त्वाकांक्षी होना अच्छी बात है, लेकिन अति महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात नहीं है. उनके इस बयान से तो साफ़ है कि पार्टी उनके मांगों को पूरा नहीं करेगी.
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विरोधी मत को होना होगा एक
रांची पहुंचे अशोक चौधरी ने कहा कि अगर बीजेपी को देश में रोकना है तो बीजेपी के विरोधी मत को एक होना होगा. वोटों के बिखराव को रोकना होगा, वोटो में बिखराव से बीजेपी को फायदा होता है. बार बार हमारे नेता कह रहे हैं कि हम प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नहीं हैं ना ही मेरी ऐसी कोई इच्छा है लेकिन कांग्रेस अगर पहले करें और उसके नेतृत्व में एकजुटता बनती है तो हम बीजेपी को रोकने में सक्षम हो पाएंगे.
JDU ने कांग्रेस को समर्थन देने का लिया निर्णय
रामगढ़ उपचुनाव को लेकर अशोक चौधरी ने कहा कि इस प्रदेश में जो सरकार चल रही है उसका हमारी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है लेकिन इस राज्य के बढ़ते इंट्रेस्ट को देखते हुए जेडीयू ने रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने का निर्णय लिया है.
अति महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात नहीं
वहीं, दूसरी तरफ उपेंद्र कुशवाहा को लेकर उन्होंने कहा कि अगर उपेंद्र कुशवाहा जी ने इस्तीफा दे दिया ही तो अच्छी बात है, तीन बार वो पार्टी में आए और हमारे नेता ने उनको पूरी तरह से सम्मान दिया, लेकिन अगर वो कुछ और चाहते थे तो उनको हमारे नेता से बात करनी चाहिए थी. महत्त्वाकांक्षी होना अच्छी बात है, लेकिन अति महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात नहीं है. पार्टी से जुड़ा कोई भी व्यक्ति पार्टी के शीर्ष नेता के ताल में ताल मिलाकर कोई भी काम करता है.
जब तक पार्टी में अनुशासन नहीं रहेगा पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती है. नेता तो हर दल में होते हैं हमारे यहां भी नेताओं की कमी नहीं है, लेकिन हमारे शीर्ष नेता नीतीश कुमार हैं और उनके निर्देशानुसार ही सब कोई चलते हैं. पार्टी के शीर्ष नेता की मंडली ही कोई निर्णय करती है और पार्टी आगे बढ़ती है, लेकिन अगर आपको कोई आपत्ति है असंतोष है तो शीर्ष नेता के सामने कहा जाता है. मीडिया में जाकर पार्टी की किरकिरी करना इसका मतलब आपकी मंशा पार्टी के शीर्ष नेता के साथ नहीं है. मंत्री अशोक चौधरी के बयान से तो साफ है कि उपेंद्र कुशवाहा को अब कोई दूसरा रास्ता तलाशना होगा.
HIGHLIGHTS
उपेंद्र कुशवाहा को परेशानी थी तो करनी चाहिए थी बात - अशोक चौधरी
अति महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात नहीं है - अशोक चौधरी
रामगढ़ उपचुनाव में JDU ने कांग्रेस को समर्थन देने का लिया निर्णय