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घाघरा के जवान की चाईबासा में बम विस्फोट से मौत, शहीद को दी गई श्रद्धांजलि

सीआरपीएफ के जवान गुमला जिला के घाघरा के तुरियाडीह निवासी संतोष उरांव की बम विस्फोट की चपेट में आने से मौत हो गई.

Updated on: 18 Nov 2023, 02:10 PM

highlights

  • जवान की चाईबासा में बम विस्फोट से मौत
  • शहीद को दी गई श्रद्धांजलि
  • हजारों लोग पहुंचे अंतिम दर्शन में 

Gumla:

सीआरपीएफ के जवान गुमला जिला के घाघरा के तुरियाडीह निवासी संतोष उरांव की बम विस्फोट की चपेट में आने से मौत हो गई. इसकी सूचना जैसे ही घाघरा में लोगों को मिली पूरे इलाके में मायूसी छा गया. लोग शनिवार की सुबह से ही मुख्य पथ पर इकट्ठा होकर पार्थिव शरीर को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए जुटे रहे. जिसके बाद सुबह करीब 9 बजे जैसे ही पार्थिव शरीर को लेकर पुलिस प्रशासन प्रखंड मुख्यालय होते हुए तुरियाडीह गांव जाने लगे. इस दौरान इकट्ठा हुए लोगों ने भारत माता की जय, संतोष उरांव अमर रहे का नारा लगा रहे थे. इस क्रम में मौजुद लोगों की आंखे नम थी. कुछ लोग रोते हुए भी नजर आए. प्रखंड मुख्यालय स्थित चांदनी चौक में पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि देते हुए विद्यार्थी और घाघरा के प्रबुद्ध जन मौजूद थे. 

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सड़क के दोनों ओर घाघरावासी अपने हाथ में तिरंगा झंडा लेकर कतारबद्ध खड़े थे. बता दें कि शुक्रवार को सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान चाईबासा जिले के गोईलकेरा स्थित हाथीबुरु के जंगल में अचानक ही आईडी विस्फोट हो गया. जिसमें गुमला जिला के घाघरा स्थित तुरियाडीह गांव निवासी संतोष उरांव की मौत हो गई, जो सीआरपीएफ-94 बटालियन  में सैनिक के रूप में तैनात थे. 

उपायुक्त ने दिया एक लाख का चेक

शहिद संतोष के पत्नी फुल सुंदरी देवी को जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने एक लाख रुपये का चेक दिया. उन्होंने परिवार वालों से कहा कि सरकार व प्रशासन पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है. हर सरकारी सुविधा दी जाएगी, जो संतोष के परिजनों को मिलना चाहिए.

संतोष चाहता था कि गांव के अन्य युवा भी पुलिस में जाए

शहीद संतोष के बचपन के दोस्त सहदेव भगत ने बताया कि संतोष काफी मृदु भाषी था और हमेशा ही परिवार वालों के साथ-साथ गांव के बारे में सोचता रहता था. उसका समझ के अनुसार वह हमेशा गांव के युवाओं को देश सेवा में शामिल होने के लिए अभी से मेहनत करने की अपील भी करता रहता था. उसके मौत से पूरे गांव में पीड़ा का माहौल है.

संतोष के मौत के बाद पूरा परिवार बेसहारा हो गया

संतोष की मौत के बाद पूरा तरह से बेसहारा हो गया है,क्योंकि पूरा परिवार का देखरेख की जिम्मेदारी संतोष के पास था. संतोष अपने भाई संतराम के दो बच्चे और अपने दोनों बच्चे सभी का पढ़ाई रांची के लिवंस एकेडमी स्कूल में कराते थे. संतोष का कहना था कि बच्चों को मैं पढ़कर शिक्षित जरूर बना दूंगा. तुम मां और घर का अच्छे से ख्याल करना.

शहीद को डीसी और एसपी ने दिया सलामी

शहीद के गांव तुरियाड़ीह में पहुंच कर जिले के उपयुक्त कारण सत्यार्थी और पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह के अलावे अभियान डीएसपी मनीष कुमार एसडीपीओ मनीष चंद्रलाल थाना प्रभारी अमित चौधरी सहित सीआरपीएफ की पूरी टीम ने सलामी दिया. वहीं, अधिकारियों ने पुष्प समर्पित कर अंतिम विदाई भी दिया.

हजारों लोग पहुंचे अंतिम दर्शन में 

जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा. पूरे गांव में रोने की आवाज गूंजने लग गई. सभी मर्माहत थे, सभी की आंखें नम थी. हजारों की संख्या में आसपास के गांव से लोग संतोष के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे. ग्रामीणों ने संतोष के अंतिम संस्कार होने वाले स्थल तक जाकर अंतिम संस्कार कर घर लौटे.