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लातेहार में जलजीवन मिशन पूरी तरह फेल( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
लातेहार जिले में जलजीवन मिशन पूरी तरह फेल हो चुका है. जिन इलाकों में जल जीवन मिशन का कार्य पूरा हुआ है, वहां से भी लगातार शिकायतें आ रही है. ऐसे में सरकार की इस योजना का ग्रामीणों को कोई खास लाभ नहीं मिल रहा है, लेकिन चुनाव के वक्त वोट बटोरने के लिए सरकार इस योजना को ढाल बना सकती है. इस योजना की जमीनी हक्कीकत क्या है, इसके लिए खास रिपोर्ट पढ़ें. दरअसल, करोड़ों रुपये खर्च कर लातेहार जिलेभर के ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत पानी पहुंचाने का कार्य चल रहा है. कई इलाकों में इसका कार्य पूर्ण भी हो चुका है.
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लातेहार में जलजीवन मिशन पूरी तरह फेल
सरकार ने इस योजना की शुरुआत इस मकसद से की थी कि इसका भरपूर लाभ ग्रामीणों तक पहुंचेगा और ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या दूर होगी. सरकार की इस सोच पर संवेदक पानी फेर रहे हैं. दरअसल, जिन इलाकों में भी जल जीवन मिशन के तहत कार्य पूरा कर लिया गया है. वहां शुरुआती दौर से पाइपलाइन लीकेज, सही ढंग से टंकी तक पानी का नहीं चढ़ना, बोरिंग कम करना समेत कई अन्य तरह की शिकायतें आम है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसके निर्माण कार्य में घटिया किस्म की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. कई इलाकों के ग्रामीण इसकी शिकायत कर चुके हैं. यहां तक कि कई जिला परिषद सदस्यों ने भी घटिया निर्माण कार्य को लेकर सवाल उठाया है.
विभाग के अधिकारी ने साधी चुप्पी
बावजूद विभाग के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साध तमाशबीन बने हुए हैं. स्थानीय विधायक भी इस समस्या में सुधार कराने को लेकर कोई प्रयास करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में स्थानीय विधायक के खिलाफ नाराजगी साफ देखी जा सकती है और इस नाराजगी का जवाब ग्रामीण आगामी चुनाव में दे सकते हैं. चलिए अब आपको बताते हैं कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद ऐसे कई इलाके हैं, जहां के ग्रामीण आज भी नदी, पोखर का मटमैला पानी पीने को मजबूर है. दरअसल, तस्वीर में दिख रहे लोग जिला मुख्यालय से सटे आरागुडीं पंचायत के लोधवा गांव के ग्रामीण हैं, जो गांव से करीब एक किलोमीटर की दूरी तय कर नदी का मटमैला पानी सिर पर लेकर घर तक पहुंचते हैं. तब जाकर कहीं घर के सदस्यों की प्यास बुझती है.
ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर
जानकार बताते हैं कि इस पानी को पीने से शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है, लेकिन यह सब जानते हुए भी गांव के ग्रामीण मजबूरीवश नदी का मटमैला पानी पीने को लाचार है. वहीं, दूसरी तरफ कागज़ों पर हर घर नल से जल पहुंचाने का वादा पूरा किया जा रहा है. जिसके आधार पर सरकार भी बड़े मंचों पर ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का दावा ठोक देती है, लेकिन इसकी जमीनी हक्कीकत आरागुडीं पंचायत के लोधवा गांव के ग्रामीणों की लाचारी बयां कर रही है. जल जीवन मिशन का कार्य ज़िले के गारू, महुआडांड़, बरवाडीह, हेरहंज, मनिका समेत पूरे जिले भर में किया जा रहा है, जहां से लगातार गड़बड़ी को लेकर शिकायतें आती रहती है. बावजूद विभाग मौन है. लापरवाही का आलम यह है कि हर गांव में बोरिंग और वहां टंकी लगाने को लेकर विवाद है. इससे साफ है कि विभाग ने सर्वे में भी भारी लापरवाही बरती है.
विभाग ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इधर इस पूरे मस्ले पर जब न्यूज़ स्टेट की टीम ने विभाग के पलामू प्रमंडल के अधिक्षण अभियंता राज मोहन सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि अबतक तो योजना को लेकर किसी भी तरह की शिकायत नहीं आई है. अगर कहीं किसी भी तरह की गड़बड़ी है, तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने किसी भी तरह की विभागीय लापरवाही से इंकार किया है, लेकिन सवाल यह है कि अगर विभाग की तरफ से कोई खामियां नहीं है तो फिर शिकायत आना और उसे दूर नहीं करना, किसकी जवाबदेही है. ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी आखिर क्या लाभ होगा, इस योजना से ग्रामीणों को? अगर इस योजना की निष्पक्ष रूप से जांच होती है तो भारी गड़बड़ी और घोटाला खुलकर सामने आएगा.
HIGHLIGHTS
- लातेहार में जलजीवन मिशन पूरी तरह फेल
- विभाग के अधिकारी ने साधी चुप्पी
- ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर
Source : News State Bihar Jharkhand