झारखंड सहित कई राज्यों में IT ने छापेमारी की. 36 घंटे तक चली छापेमारी में 1.25 करोड़ कैश, जेवरात और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद, लेकिन कांग्रेस विधायक अनूप सिंह जयमंगल के घर से महज 70 हजार जब कि विधायक प्रदीप यादव से 2 लाख से कुछ ज्यादा रकम ही मिले. सबसे ज्यादा कोयला कारोबारी अजय सिंह के यहां 70 लाख कैश मिले. इनमें से कुछ लोगों के यहां निवेश के कागजात मिले हैं, लेकिन कुल मिलाकर IT की टीम को बहुत ज्यादा कुछ नहीं मिला. जाहिर है जब इन विधायकों के पास से जब बड़ी रकम या निवेश नहीं मिले तो फिर 36 घंटे तक छापेमारी चली क्यों? क्या आयकर विभाग बाद में पूरे मामले का खुलासा करेगी या फिर जांच के दायरे को बढ़ाते हुए ED जैसी दूसरी एजेंसी से मदद मांगी जाएगी क्योंकि जिन पर बड़े पैमाने पर करो की चोरी का आरोप था, उनके ठिकानों से पैसे नहीं मिले तो क्या वे पैसे कहीं खपा दिए या फिर पैसे की लौंड्री कर दिया?
कई पहलू हैं जो IT के खुलासे के बाद साफ हो पायेगा या फिर वाकये में जानबुझकर IT के टीम का इस्तेमाल इन विधायकों के खिलाफ किया गया, क्योंकि विधायक अनूप कल मीडिया से बात करते हुए आयकर के छापे पर सवाल खड़ा किया था. ED ने कल दो कारोबारी बिष्णु अग्रवाल और शाह ब्रदर के ठिकाने पर छापेमारी की थी. सूत्रों के मुताबिक ED को बड़े पैमाने पर निवेश के कागजात मिले हैं. बड़े पैमाने पर जमीन के कागजात भी मिले हैं.
जमीन के फर्जी हस्तांतरण और कई अहम दस्ताबेज मिले हैं. कहा जा रहा है बिष्णु की मदद से झारखंड के कई राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स ने बड़ा निवेश किया है. सवाल की आखिर बिष्णु रातोंरात रांची के कारोबार में बड़ा नाम कैसे बन गया. स्मार्ट सिटी में बिष्णु ने अधिकारियों और कर्मचारियों के गठजोड़ से करोड़ों का निवेश आउने पौने दाम पर किया था. सेना के जमीन का भी बिष्णु अग्रवाल ने फर्जी तरीके से खरीद बिक्री किया था.
Source : News State Bihar Jharkhand