अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने सरकार से की बड़ी मांग, कहा - उड़ीसा से भी काफी पीछे है राज्य
अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियों ने सरकार से मांग की है कि जिस तरह उड़ीसा सरकार हॉकी खेल को लेकर बेहतर काम कर रही है. वैसे ही झारखंड के प्रत्येक जिला में कम से कम 2 नहीं तो एक हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान होना ही चाहिए.
highlights
- जिला में कम से कम 2 नहीं तो एक हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान होना चाहिए
- उड़ीसा सरकार हॉकी खेल को लेकर कर रही है बेहतर काम
- उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले में बने हैं 17 एस्ट्रोटर्फ मैदान
Simdega:
झारखंड में खेल मैदान को लेकर खिलाड़ियों द्वारा सवाल किया जा रहा है. खिलाड़ियों का कहना है कि बाकि राज्यों की तरह यहां खिलाड़ियों को सुविधा दी जाए, उनके लिए खेल मैदान हो ताकि उन्हें दूसरे राज्य में ना जाना पड़े. अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियों ने सरकार से मांग की है कि जिस तरह उड़ीसा सरकार हॉकी खेल को लेकर बेहतर काम कर रही है. वैसे ही झारखंड के प्रत्येक जिला में कम से कम 2 नहीं तो एक हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान होना ही चाहिए.
केवल एक सिमडेगा का नाम लेकर हम खुश हैं
बिहार झारखंड की पहली अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सावित्री पूर्ति ने कहा कि आपको पता होना चाहिए उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले में 17 एस्ट्रोटर्फ मैदान बने हैं तो हमारे झारखंड में कहां हैं केवल एक सिमडेगा का नाम लेकर हम खुश हैं. उड़ीसा हॉकी के क्षेत्र में झारखंड से बाद में आया है पर अभी बेहतर काम करते हुए बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय मैदान बनाया जिसमें अभी-अभी वर्ल्ड कप खेला गया. उड़ीसा का नाम वर्ल्ड स्तर पर आया है तो हमारे झारखंड में भी इस तरह का अंतर्राष्ट्रीय सुविधा युक्त स्टेडियम क्यों नहीं बनाया जा सकता. क्या सरकार के पास पैसों की कमी है या झारखंड में जमीन की कमी है. झारखंड इस मामले में बहुत पीछे हैं. हालांकि सिमडेगा में हॉकी एस्ट्रोटर्फ है जबकि उड़ीसा में प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक खेल मैदान की सुविधाएं हैं.
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झारखंड में खेल के क्षेत्र में काम करने की है जरूरत
वहीं, ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित देश की पूर्व हॉकी कप्तान झारखंड की सुमराय टेटे ने कहा उड़ीसा की तरह झारखंड में अभी बहुत काम करने की जरूरत है. उड़ीसा में उनकी सरकार ने अपने अच्छे खिलाड़ी दिलीप तिर्की को ग्रास रूट पर काम करने के लिए लगा दिया है. उसी तरह झारखंड सरकार को भी अपने अच्छे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा आवासीय बोर्डिंग सेंटर खोल कर खिलाड़ियों को जिन्हें हॉकी के संबंध में बेहतर जानकारी हो काम पर लगाने की जरूरत है.
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